रूंगटा अपहरण कांड : भाई को धमकी देने में मुखतार अंसारी को पांच साल छह माह की सजा

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कोयला व्यवसायी और विहिप के तत्कालीन कोषाध्यक्ष नंद किशोर रुंगटा के भाई महावीर प्रसाद रुंगटा को धमकी के मामले में आरोपित माफिया सरगना मुख्तार अंसारी को कोर्ट ने दोषी करार दिया है. एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुख्तार को पांच साल छह माह की सजा सुनाई है. साथ ही 10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना न देने पर मुख्तार को दो माह अतिरिक्त सजा भुगतनी होंगी.

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गौरतलब है कि महावीर रुंगटा को धमकी देने के मामले में गुरुवार को मुख्तार अंसारी का बयान अदालत में दर्ज किया गया था, बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये कोर्ट में पेश हुआ..विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एमपी-एमएलए) उज्ज्वल उपाध्याय की अदालत में विचाराधीन इस मामले में अदालत द्वारा पूछे गये सवालों का मुख्तार अंसारी ने जवाब दिया.

रवींद्रपुरी आवास से अताउर्रहमान ने किया था अपहरण

रवींद्रपुरी कॉलोनी निवासी कोयला व्यवसायी नंद किशोर रुंगटा का 22 जनवरी 1997 को अपहरण किया गया था. मुख्तार ने अपने करीबी, पांच लाख के ईनामिया और फरार अताउर्रहमान के जरिए नंदकिशोर का अपहरण करवाया था. दो करोड़ की रंगदारी मांगी गई थी. कुछ पैसे ले लिये गये थे. इसके बावजूद नंदकिशोरी की हत्या कर शव को प्रयागराज में ठिकाने लगा दिया गया. इस मुकदमे की विवेचना के बीच पांच नवम्बर 1997 की शाम नंद किशोर रुंगटा के भाई महावीर प्रसाद रुंगटा को फोन कर धमकी दी गई कि अपहरण कांड की पैरवी न करें, नहीं तो बम से उड़ा दिया जाएगा. इस मामले में एक दिसंबर 1997 को भेलूपुर थाने में मुख्तार अंसारी के खिलाफ धमकाने का मुकदमा दर्ज किया गया था.

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