भारत में 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में कैंसर के नए मामले और इससे होने वाली मौतों की संख्या सबसे अधिक है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के शोधकर्ताओं ने ग्लोबल कैंसर ऑब्जर्वेटरी 2022 के आंकड़ों के आधार पर यह खुलासा किया है. लैंसेट रीजनल हेल्थ जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, देश में कैंसर के कुल मामलों में 50 से 69 वर्ष के लोगों का हिस्सा लगभग 50% है. इसके बाद 15 से 49 वर्ष के आयु वर्ग के युवा प्रभावित हो रहे हैं. वहीं, बच्चों (0-14 वर्ष) में कैंसर के मामले सबसे कम पाए गए हैं.
महिलाओं में मृत्यु दर अधिक
अध्ययन में बताया गया है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कैंसर के नए मामले और मृत्यु दर अधिक है. पिछले एक दशक में पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में कैंसर से होने वाली मौतों में ज्यादा वृद्धी देखी गई है. शोधकर्ताओं का अनुमान है कि आने वाले दो दशकों में कैंसर के मामलों में और वृद्धि हो सकती है.
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एक दशक में कैंसर के मामलों में 36% वृद्धि
साल 2012 से 2022 के बीच भारत में कैंसर के मामलों में 36% की वृद्धि दर्ज की गई. वर्ष 2012 में 10.1 लाख लोग कैंसर से पीड़ित थे, जो 2022 में बढ़कर 13.8 लाख हो गए. इस दौरान कैंसर से होने वाली मौतों में भी 30.3% की वृद्धि हुई. वर्ष 2012 में जहां 6.8 लाख लोगों की मौत हुई थी, वहीं 2022 में यह आंकड़ा बढ़कर 8.9 लाख हो गया.
स्तन कैंसर का अधिक प्रसार
भारत में प्रति एक लाख आबादी पर 16 महिलाएं स्तन कैंसर की चपेट में आ रही हैं. देश में सभी नए कैंसर मामलों में स्तन कैंसर का हिस्सा 13.8% है, जो महिलाओं के लिए सबसे अधिक चिंता का विषय है.
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2050 तक कैंसर के मामलों में दोगुनी वृद्धि की आशंका
शोधकर्ताओं का अनुमान है कि आने वाले वर्षों में भारत में कैंसर के मामलों में तेजी से वृद्धि होगी. वर्ष 2050 तक 15 से 27 लाख लोग कैंसर की चपेट में आ सकते हैं. इस दौरान कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या में भी इसी अनुपात में वृद्धि होने की आशंका है.
विशेषज्ञों का मानना है कि जागरूकता, शुरुआती पहचान और समय पर इलाज से कैंसर से होने वाली मौतों को कम किया जा सकता है.