आरक्षण पर मायावती ने केंद्र को घेरा, SC-ST-OBC के लिए कही ये बात
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने आरक्षण को लेकर केंद्र सरकार को घेरा है। उनका कहना है कि केंद्र सरकार के अनवरत उपेक्षित रवैये के कारण यहां सदियों से पिछड़े अनुसूचित जाति(एससी), अनुसूचित जनजाति(एसटी) व अन्य पिछड़ा वर्ग(ओबीसी) वर्ग के शोषितों-पीड़ितों को आरक्षण के माध्यम से देश की मुख्यधारा में लाने का सकारात्मक संवैधानिक प्रयास विफल हो रहा है।
मायावती ने ट्वीट कर कहा, “कांग्रेस के बाद अब भाजपा व इनकी केंद्र सरकार के अनवरत उपेक्षित रवैये के कारण यहां सदियों से पछाड़े गए एससी, एसटी व ओबीसी वर्ग के शोषितों-पीड़ितों को आरक्षण के माध्यम से देश की मुख्यधारा में लाने का सकारात्मक संवैधानिक प्रयास फेल हो रहा है, जो अति गंभीर व दुर्भाग्यपूर्ण है।”
1. कांग्रेस के बाद अब बीजेपी व इनकी केन्द्र सरकार के अनवरत उपेक्षित रवैये के कारण यहाँ सदियों से पछाड़े गए एससी, एसटी व ओबीसी वर्ग के शोषितों-पीड़ितों को आरक्षण के माध्यम से देश की मुख्यधारा में लाने का सकारात्मक संवैधानिक प्रयास फेल हो रहा है, जो अति गंभीर व दुर्भाग्यपूर्ण है।
— Mayawati (@Mayawati) February 16, 2020
उन्होंने कहा, “केंद्र के ऐसे गलत रवैये के कारण ही कोर्ट ने सरकारी नौकरी व प्रमोशन में आरक्षण की व्यवस्था को जिस प्रकार से निष्क्रिय/निष्प्रभावी ही बना दिया है उससे पूरा समाज उद्वेलित व आक्रोशित है। देश में गरीबों, युवाओं, महिलाओं व अन्य उपेक्षितों के हकों पर लगातार घातक हमले हो रहे हैं।”
2. केन्द्र के ऐसे गलत रवैये के कारण ही मा. कोर्ट ने सरकारी नौकरी व प्रमोशन में आरक्षण की व्यवस्था को जिस प्रकार से निष्क्रिय/निष्प्रभावी ही बना दिया है उससे पूरा समाज उद्वेलित व आक्रोशित है। देश में गरीबों, युवाओं, महिलाओं व अन्य उपेक्षितों के हकों पर लगातार घातक हमले हो रहे हैं।
— Mayawati (@Mayawati) February 16, 2020
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, “ऐसे में केंद्र सरकार से पुन: मांग है कि वह आरक्षण की सकारात्मक व्यवस्था को संविधान की 9वीं अनुसूची में लाकर इसको सुरक्षा कवच तब तक प्रदान करे, जब तक उपेक्षा व तिरस्कार से पीड़ित करोड़ों लोग देश की मुख्यधारा में शामिल नहीं हो जाते हैं, जो आरक्षण की सही संवैधानिक मंशा है।”
3. ऐसे में केन्द्र सरकार से पुनः माँग है कि वह आरक्षण की सकारात्मक व्यवस्था को संविधान की 9वीं अनुसूची में लाकर इसको सुरक्षा कवच तब तक प्रदान करे जब तक उपेक्षा व तिरस्कार से पीड़ित करोड़ों लोग देश की मुख्यधारा में शामिल नहीं हो जाते हैं, जो आरक्षण की सही संवैधानिक मंशा है।
— Mayawati (@Mayawati) February 16, 2020
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