राहत ! RBI ने फिर नहीं की Repo Rate में कटौती

रेपो दर 6.5 पर रहेगी बरकरार, विशेष कमेटी ने लिया फैसला

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RBI Repo Rate: रेपो रेट की दरों पर एक बार फिर से भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को जस का तस रखने का फैसला लिया है. तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के बाद आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि, ”कमेटी ने एक बार फिर रेपो रेप में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है. रेपो रेट फिलहाल 6.5 फीसदी है. हालांकि उन्होंने कहा कि अब इस पर केंद्रीय बैंक की पैनी नजर होगी.

इतने सदस्यों ने किया समर्थन

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने वित्त वर्ष 2023-24 की पांचवी मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक में कहा कि, रेपो रेट अभी स्थिर रहेगा. बैठक में 6 में से 5 सदस्‍यों ने रेपो रेट स्थिर रखने के फैसले पर सहमति जताई है. रिजर्व बैंक का ‘withdrawal of accommodation’ का रुख कायम है. गवर्नर ने कहा कि महंगाई दर को 4 फीसदी के नीचे लाने पर फोकस रहेगा.

दरों कोई बदलाव नहीं

इसके आगे शक्तिकांत दास ने कहा है कि, वित्त वर्ष 2023- 24 के लिए सकल घरेलू उत्‍पाद की ग्रोथ 7 फीसदी रहने का अनुमान है. इससे पहले आरबीआई ने 6.5 फीसदी ग्रोथ रहने का अनुमान लगाया था. उन्होंने कहा कि तीसरी तिमाही में जीडीपी 6.5 फीसदी और चौथी तिमाही में 6 फीसदी की दर से बढ़ेगी. दास ने कहा कि 2024-25 की पहली तिमाही के लिए वास्तविक जीडीपी ग्रोथ 6.7 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 6.5 प्रतिशत और तीसरी तिमाही में 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है.

6.5 पर स्थिर रहा रेपो रेट

आपको बता दें कि, पिछले कई बैठकों से भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट (RBI Repo Rate) को 6.5% पर स्थिर रखा है. विधानसभा वित्त वर्ष 2022–2023 की पांचवी बैठक में भी रेपो रेट को स्थिर रखने का अनुमान लगाया जा रहा था. विशेषज्ञों का कहना है कि, आरबीआई का लक्ष्य महंगाई दर को 4 फीसदी से नीचे लाना है, इसलिए केंद्रीय बैंक जून 2024 तक रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा.

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रेपो रेट बढने से क्या होगा असर

आरबीआई की ओर से फरवरी के बाद से अभी तक जितनी भी मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक आयोजित की गयी है, उसमें रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. रेपो रेट अभी भी 6.5 फीसदी पर ही है. भारतीय स्टेट बैक के अर्थशास्त्रियों का कहना है
कि, ‘RBI वित्त वर्ष 2024-25 से पहले रेपो रेट में कटौती नहीं  करेगा और यह अभी स्थिर बना रहेगा.’ इसके साथ ही आपको बता
दें कि, रेपो रेट वह दर होती है, जिसपर रिजर्व बैंक अन्य बैकों को कर्ज देता है. इस पैसे को बैंक लोगों को कर्ज के तौर पर देती है.
इस कारण से जब रेपो रेट में बदलाव होगा तो सीधे लोन की ईएम आई पर असर पड़ेगा. यानी अगर रेपो रेट में बढोतरी होती है तो
लोन की ईएमआई भी बढ जाएगी.

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