देश को मिला अब तक का सबसे बड़ा विदेशी निवेश
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) को कंपनी के इतिहास का सबसे बड़ा निवेश मिला है। RIL के ऑयल और केमिकल डिविजन में सऊदी अरब की कंपनी ‘सऊदी अरामको’ 20 फीसदी का निवेश करेगी। यह जानकारी खुद रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने दी।
एनुअल जनरल मीटिंग में मुकेश अंबानी ने बताया कि विदेशी निवेश के मामले में हमने एक नया मुकाम हासिल किया है। मुकेश अंबानी के मुताबिक RIL ने सऊदी अरामको के साथ करार किया है। इसके लिए वह 75 बिलियन डॉलर खर्च करेगी।
5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी मुमकिन-
मोदी सरकार के 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी को मुकेश अंबानी ने मुमकिन बताया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत की इकोनॉमी में थोड़ी सुस्ती है लेकिन यह अस्थायी है।
5 सितंबर से हम पूरे भारत में व्यावसायिक रूप से Jio Fiber सेवा शुरू कर रहे हैं। Jio Fiber टैरिफ प्लान हर महीने 700 रुपये से शुरू होगा।
स्टार्ट-अप चलाने की 80% लागत क्लाउड एंड कनेक्टिविटी इन्फ्रास्ट्रक्चर की ओर जाती है। Jio स्टार्ट-अप के लिए क्लाउड और कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर को बिल्कुल मुफ्त करके उस लागत को दूर करने के लिए तैयार है। हमारा इरादा 1 जनवरी, 2020 से इस सेवा को शुरू करने का है।
सऊदी अरामको के साथ हुई डील-
मुकेश अंबानी ने बताया कि सऊदी अरामको और रिलायंस ने एक दीर्घकालिक साझेदारी बनाने पर सहमति व्यक्त की है। सऊदी अरामको, RIL के O2C डिवीजन में 20% हिस्सेदारी के लिए US $ 75bn के एंटरप्राइज वैल्यू पर निवेश करेगा।
यह रिलायंस के लिए सबसे बड़ा विदेशी निवेश है और भारत के लिए भी यह सबसे बड़े निवेशों में से एक है।
एक अन्य महत्वपूर्ण पहल में, बीपी ने हमारे पेट्रो-खुदरा व्यापार में 49% हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया है। इस लेनदेन के लिए रिलायंस को बीपी से 7,000 करोड़ रुपये मिलेंगे। Jio का निवेश चक्र अब पूरा हो गया है।
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