बिहार सरकार में बगावती सुर, जीतन राम खेल रहे माइंड गेम, मांगे पूरी नहीं हुई तो तोड़ेंगे कसम
अगले साल 2024 में लोकसभा चुनाव होने वाले हैं। सभी राजनीतिक पार्टियां चुनाव की रूपरेखा तैयार करने में जुटे हैं। इस बीच बिहार की गठबंधन सरकार में दरार आती दिख रही है। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले ही हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के राष्ट्रीय नेता जीतन राम मांझी ने अपने बयान से चौंका दिया है। जीतन राम मांझी ने नितीश सरकार से महागठबंधन में कॉर्डिनेशन कमेटी बनाने की मांग की है। इसके साथ ही ‘हम’ पार्टी के लिए बिहार महागठबंधन सरकार में अपनी हिस्सेदारी मांगी है।
लखनऊ : महाराष्ट्र सरकार के बाद अब बिहार सरकार में भी फूट पड़ने के आसार दिख रहे हैं। ये सवाल बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बगावती सुर की वजह से उठ रहा है। दरअसल, नालंदा में अपनी पार्टी के एक कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अपने बयान में नितीश कुमार की सरकार से गठबंधन तोड़ने के इशारे दे दिए।
पार्टी को दो विभाग मिलने चाहिए – जीतन राम
जीतन राम मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार ने हम लोगों के साथ थोड़ा कमी किए हैं। पार्टी को दो विभाग मिलने चाहिए, लेकिन उन्होंने एक विभाग काट दिया। जीतन राम मांझी ने आगे कहा कि हम तो नीतीश कुमार के साथ हैं। उनके साथ रहने के लिए कसम खाई है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि सियासत में कोई कसम नहीं होता है कि लेकिन हमने कसम खाई है।
नितीश ने सीएम बनाया, लेकिन कुछ कमी की – जीतन राम
बिहार के पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने कहा, ‘नीतीश कुमार ने मुझे काफी सम्मान दिया है, उन्होंने ही मुझे मुख्यमंत्री बनाया है लेकिन अगर ऐसी नौबत (आगामी चुनाव के समय में पार्टी और कार्यकर्ताओं के सम्मान नहीं होने की) आएगी तो हमने कार्यकर्ताओं से राय ली है और उन्होंने कहा है कि ऐसी नौबत आएगी तो हम वादा तोड़ भी सकते हैं। हम नीतीश कुमार के साथ हैं। उनके साथ रहने के लिए हमने कसम खाई है, लेकिन नीतीश कुमार ने हमारे साथ कुछ कमी की है।’
बीस सूत्री में ‘हम’ कार्यकर्ताओं को मिले जगह – जीतन राम
जीतन राम मांझी ने एक बार फिर कॉर्डिनेशन कमेटी बनाने की मांग की। जीतन राम मांझी ने कहा कि इसकी मांग कांग्रेस और सीपीआई भी कर चुकी है। मांझी ने कहा कि बिना कॉर्डिनेशन कमेटी के जो भी निर्णय लिए जा रहे हैं, वो गलत है। मांझी ने कहा कि हमारे साथ सैकड़ों कार्यकर्ता हैं। कार्यकर्ताओं को आयोगों और बीस सूत्री में जगह मिलनी चाहिए। ये लोग वहां बैठेंगे तो पदाधिकारियों पर नकेल कसेंगे। अगर ऐसा होता है तो भ्रष्टाचार में कमी आ सकती है।
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