भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई)(Reserve Bank of India) ब्याज दरों में कटौती करेगी या नही, इसका अनुमान लगाया जा रहा है, लेकिन महंगाई के अनुमान में कटौती की जा सकती हैं। जिससे महंगाई दर में कमी होने से ब्याज दरों में भी कमी की गुंजाइश बन सकती है।
एक्सपर्ट्स के अनुमान के मुताबिक इस बार RBI की कमेंट्री पर निगाहें रहेंगी, क्योंकि इससे आने वाली बैठक में क्या होगा इसका अंदाजा हो सकता है।
आरबीआई की बुधवार को बैठक
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की बुधवार को होने जा रही द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक में ब्याज दरों में कटौती होने की संभावना है। इस संबंध में जारी बयान के मुताबिक, सात जून को वित्तीय वर्ष 2017 की दूसरी द्वैमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक में आरबीआई ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था।
जून महीने में खुदरा महंगाई दर 1.54 फीसदी के निचले स्तर पर रही है जबकि मई महीने का औद्योगिक उत्पादन आंकड़ा 1.7 फीसदी रहा है।
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ब्याज दरों में कटौती का आग्रह
उद्योग संगठन एसोचैम ने रविवार को आरबीआई से ब्याज दरों में कटौती करने का आग्रह किया था।
एसोचैम की ओर से जारी बयान के मुताबिक, “एसोचैम ने महंगाई दर के पांच वर्षो के निचले स्तर तक जाने और औद्योगिक उत्पादन में गिरावट का हवाला देकर आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल को पत्र लिखा है। दो अगस्त को होने वाली बैठक में ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती के लिए कहा गया है।”
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एक्सपर्ट्स का अनुमान
कोटक सिक्योरिटीज के एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट-करेंसी एंड डेरिवेटिव्स अनिंद्य बनर्जी का कहना है कि आरबीआई बैठक में किसी तरह की ब्याज दरों की कटौती की उम्मीद नहीं है और आरबीआई का रवैया यथावत बना रह सकता है।
नोटबंदी से भारत की इकोनॉमी में जो मंदी आई थी अब उसके खत्म होने के संकेत मिलने शुरु हो गए हैं, ऐसे में आरबीआई को जल्दबाजी में रेटकटिंग करने की कोई जरूरत नहीं है।
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