कोरोना : जानिये क्यों RBI ने एक लाख करोड़ का बूस्टर डोज इकॉनामी में डाला?
आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट में की 25 आधार अंकों की कटौती
मुंबई़ : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को रिवर्स रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती करके इस चार फीसदी से घटाकर 3.75 फीसदी कर दिया। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने रिवर्स रिपो रेट में कटौती की घोषणा की।
रिवर्स रेपो रेट ब्याज की वह दर है जिस पर केंद्रीय बैंक, वाणिज्यिक बैंकों को उनके द्वारा लघु अवधि में जमा की गई राशि पर ब्याज देता है।
वहीं, वाणिज्यिक बैंक जिस दर पर केंद्रीय बैंक से अल्पकालीन ऋण लेता है, उसे रेपो रेट कहते हैं।
RBI ने कहा, कोरोनाटाइम में भारत के हालात दूसरों से बेहतर। टार्गेटेड लांग टर्म रीपो ऑपरेशन(TLTRO 2) के तहत RBI ने MFIs और NBFCs को 50 हजार करोड़ रुपये की मदद का ऐलान किया।
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मार्केट में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए यह काम
RBI ने मार्केट में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए प्रत्यक्ष रूप से एक लाख करोड़ रुपये की मदद का ऐलान किया है। टार्गेटेड लांग टर्म रीपो ऑपरेशन(TLTRO 2) के तहत RBI ने MFIs और NBFCs को 50 हजार करोड़ रुपये की मदद का ऐलान किया। इसके अलावा नाबार्ड, सिडबी और एनएचबी को 50 हजार करोड़ रुपये की मदद का ऐलान किया गया है।
एक महीने के भीतर ही दूसरी बार रिवर्स रीपो रेट कट किया गया है, 27 मार्च को इसमें 90बीपीएस की कटौती की गई थी। रिवर्स रीपो में कटौती से बैंक केंद्रीय बैंक के पास रिज़र्व रखने से बचेंगे।
क्या होता है रिवर्स रीपो रेट?
बैंकों के पास जब दिनभर के कामकाज के बाद रकम बची रह जाती है, उस रकम को वे RBI में रख देते हैं। इस रकम पर आरबीआई उन्हें ब्याज देता है। RBI इस रकम पर जिस दर से बैंकों को ब्याज देता है, उसे रिवर्स रीपो रेट कहते हैं।
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RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक का मिशन है कि कोरोना के कारण गिरती इकॉनमी के घटने की रफ्तार तेज होने से रोका जा सके। गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई कोविड-19 महामारी के चलते पैदा हुई परिस्थितियों पर नजर रखे हुए है। दास ने कहा, मार्च 27 जब वह पहला बूस्टर लेकर आए थे, तब से मैक्रोइकॉनमिक कंडिशन बिगड़ती जा रही है। ग्लोबल इकॉनमी सबसे बुरी मंदी देख सकती है। वह बोले, ग्लोबल जीडीपी में 9 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हो सकता है जो जापान और जर्मनी की जीडीपी के बराबर हो सकता है। भारत जी20 इकॉनमीज में सबसे ज्यादा ग्रोथ वाला देश हो सकता है जैसा कि IMF ने कहा है। गवर्नर ने कहा, हम पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर नजर रख रहे हैं। भारत के हालात दूसरों से बेहतर हैं। वैश्विक मंदी के अनुमान के बीच भारत की विकास दर अब भी पॉजिटिव रहने का अनुमान है और यह 1.9 प्रतिशत रहेगी।
नाबार्ड, सिडबी और नैशनल हाउसिंग बैंकों के लिए बड़ा ऐलान
कोविड-19 के कारण इन इंस्टीट्यूशन्स को सेक्टोरल क्रेडिट की कमी का सामना करना पड़ रहा है। रीफाइनैंसिंग के लिए इनके लिए 50 हजार करोड़ रुपये की मद दी जा रही है। इसमें 25 हजार करोड़ नाबार्ड के लिए, सिडबी के लिए 15 हजार करोड़ और 10 हजार करोड़ एनएचबी के लिए होगा। इस अमाउंट के बारे में फऐसला इनसे चर्चा के बाद लिया गया है। इसमें बाद में बदलाव किया जा सकता है।
पॉलिसी रेट्स पर ऐलान
रिवर्स रीपो रेट को 4 पर्सेंट से घटाकर 3.75 पर्सेंट कर दिया गया है और रीपो रेट को बरकरार रखा गया है। बैंक ज्यादा लोन दे सकें, इसलिए रिवर्स रीपो रेट में कटौती की गई है।
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