आईपीएल 2022 से पहले मेगा ऑक्शन होना है। जिसके बाद कई बड़े सितारे अपनी पुरानी टीम से अलग हो सकते हैं। जहां कुछ खिलाड़ी खुद पुरानी टीम का साथ छोड़ रहे हैं तो वही कुछ खिलाडियों को उनकी टीम ने छोड़ दिया है। मेगा ऑक्शन से पहले लखनऊ फ्रेंचाइजी पर बड़ा आरोप लगा है। पंजाब व हैदराबाद की फ्रेंचाइजी ने बीसीसीआई से कथित तौर पर शिकायत की है। लखनऊ फ्रेंचाइजी पर आरोप है की वह दूसरी टीमों से खिलाड़ियों को बड़ी रकम का हवाला देकर छीन रही है।
दूसरी टीमों से मोलभाव करने की इजाजत नहीं:
आईपीएल में किसी भी खिलाड़ी को ऑक्शन से पहले अपनी रकम को लेकर दूसरी टीमों से मोलभाव करने की इजाजत नहीं है। ऐसा मामला प्रकाश में आने पर खिलाड़ी को बैन झेलना पड़ता है। आईपीएल 2010 से पहले भारतीय ऑलराउंडर रवींद्र जड़ेजा इस तरह के गतिविधि में संलिप्त पाए गए थे। जड़ेजा पर एक सीजन का प्रतिबंध लगा था।
रवींद्र जडेजा 2008 व 2009 में आईपीएल के पहले सीजन में राजस्थान रॉयल्स का हिस्सा थे। राजस्थान रॉयल्स के कप्तान शेन वॉर्न उनके टैलेंट से काफी प्रभावित थे। 2010 के आईपीएल से पहले रवींद्र जडेजा एंटी टीम गतिविधियों में शामिल पाए गए।
रवींद्र जडेजा के खिलाफ शिकायत थी कि उन्होंने दूसरी फ्रेंचाइजियों से ज्यादा रकम के लिए बात की जबकि उस समय वो राजस्थान रॉयल्स के कॉन्ट्रेक्ट का हिस्सा थे। इसके बाद एंटी टीम गतिविधि के शिकायत की जब जांच की गई तो इसमें वो दोषी पाए गए।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रविंद्र जडेजा को राजस्थान रॉयल्स आईपीएल 2010 तक अपने साथ रखना चाहती थी। लेकिन जड़ेजा नहीं रहना चाहते थे। जड़ेजा ने दूसरी टीमों से संपर्क कर नियम का उलंघन किया।
आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने उस समय बताया था कि रविंद्र जड़ेजा ने मुंबई इंडियंस के प्रतिनिधियों से बात की थी। दोषी पाए जाने के बाद रवींद्र जडेजा पर एक साल का बैन लगा दिया गया।
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