Rangbhari Ekadashi 2024: रंगभरी एकादशी आज, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

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Rangbhari Ekadashi 2024: आज देशभर में रंगभरी एकादशी मनाई जा रही है. इसे अमालकी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन काशी में होली का पर्वकाल शुरू होता है और बाबा विश्वनाथ का विशेष श्रृंगार किया जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव माता पार्वती से विवाह करने के बाद रंगभरी या अमालकी एकादशी पर पहली बार काशी नगरी आए थे. इस दिन शिवभक्तों ने उन पर रंग, अबीर और गुलाल उड़ाते हैं. वाराणसी में रंग खेलने का सिलसिला इस दिन से शुरू होता है और अगले छह दिन तक जारी रहता है. ब्रज में होलाष्टक से होली का त्योहार शुरू होता है, यही कारण है कि वाराणसी में रंगभरी एकादशी से होली शुरू होती है. इस दिन शिवजी को विशेष रंग देकर धन की मनोकामनाएं पूरी की जा सकती हैं.

रंगभरी एकादशी का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, रंगभरी एकादशी 20 मार्च को रात 12 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी और 21 मार्च को सुबह 02 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगी. इसलिए 20 मार्च को रंगीन एकादशी व्रत रखा जाएगा, 20 मार्च को रंगभरी एकादशी पर पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6.25 बजे से 9.27 बजे तक रहेगा.

रंगभरी एकादशी पर उपाय

इस दिन सुबह स्नानादि करने के बाद पूजा करने का संकल्प लें. घर से जल लेकर शिव मंदिर जाएं और फिर अबीर, गुलाल, चन्दन और बेलपत्र को साथ में रखें. पहले शिवलिंग पर चन्दन डालें, फिर जल और बेल पत्र अर्पित करें. सबसे अंत में अबीर और गुलाल अर्पित करें. फिर आर्थिक परेशानियों को दूर करने की प्रार्थना करें.

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रंगभरी एकादशी पर आंवले की पूजा

इस एकादशी पर आंवले की पूजा की जाती है. इसके साथ ही आंवले भी विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है. इससे अच्छा स्वास्थ्य और सौभाग्य मिलता है. यही कारण है कि इस एकादशी को “आमलकी एकादशी” भी कहा जाता है. रंगभरी एकादशी के दिन सुबह आंवले के वृक्ष पर जल डालें. वृक्ष को पुष्प, धूप और नैवेद्य दें. वृक्ष के आसपास भी एक दीपक जलाएं औरर वृक्ष को इस बार या नौ बार परिक्रमा करें. सौभाग्य और सुख की प्रार्थना करें, आंवले का वृक्ष लगाना और भी अच्छा होगा

 

 

 

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