रमजान के महीने में इस गांव के लोगों ने किया ऐसा कुछ कि बन गई मिसाल

0

वैसे तो देश में कई सालों से खुले में शौच से मुक्ति के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं और सरकार की ओर से इसमें कई तरह की योजनाएं भी चल रही हैं, लेकिन जब से मोदी सरकार बनी है तब से इस योजना पर और भी जोर दिया जा रहा है। लेकिन सरकार की कोशिशों को तभी बल मिल सकता है जब हम आप भी इसमें अपना पूरा सहयोग दें।

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले के एक गांव ने इस मामले में मिसाल पेश की है। जैसा कि आप जानते हैं इस वक्त रमजान का पाक महीना चल रहा है। ऐसे में गांववालों ने प्रशासन से मिल रही मदद को ठुकरा कर अपने दम पर गांव को ‘खुले में शौच से मुक्ति’ दिलाने का वीणा उठाया है। इस गांव ने सरकार से मिल रहे 17.5 लाख रुपए के बिना ही आपस में पैसे इकठ्ठा कर शौचालय बनवाए हैं। जिला प्रशासन ने जांच के बाद मुबारकपुर काला गांव को ‘खुले में शौच से मुक्त’ घोषित कर दिया गया है।

मुस्लिम बाहुल इस गांव में 661 परिवार रहते हैं। 3,500 की जनसंख्या वाले इस गांव में केवल 146 घरों में शौचालय थे, बाकी के परिवार खुले में ही शौच जाते थे। जिला प्रशासन ने गांव की प्रधान किश्वर जहां को शौचालय बनवाने के लिए सहायता देने का विकल्प दिया। किश्वर ने शौचालय का प्रपोजल प्रशासन को भेज दिया। प्रशासन की तरफ से 17.5 लाख रुपए प्रधान के जॉइंट बैंक अकाउंट में आ भी गए। लेकिन प्रशासन के लोग उस दिन हैरान हो गए जब गांववालों ने पैसे लेने से मना करते हुए पैसा वापस भेज दिया। गांववालों का कहना था, यह रमजान का महीना है और अच्छे कामों के लिए मदद ली नहीं, दी जाती है। घरों में शौचालय बनाना अच्छा काम है और हम यह खुद करेंगे।

गांव वालों की इस मिसाल को देखकर जिला प्रशासन भी फूला नहीं समा रहा है। मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) ने इस पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, संभवत यह राज्य का पहला गांव है। जिसने पैसे लेने से मना करते हुए शौचालय बनवाए हैं। सीडीओ ने कहा कि गांव की इस पहल को हम सरकार को भेजेंगे और इस गांव के विकास के लिए और भी कदम उठाया जाएगा।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More