फिर झलका आजम का दर्द – मेरा गुनाह है कि मैं तुम्हारा हर दर्द अपना समझता हूं!
रामपुर संसदीय सीट से समाजवादी पार्टी (सपा) प्रत्याशी आजम खान ने कहा कि पिछले पांच साल किसान रोया, माँ रोई, बेटी रोई, भूखा रोया है। अब वक़्त है अपना इन्तकाम लो। उन्होंने कहा, ‘ऐ, सदियों से सताए हुए लोगों, आओ तारीख़ बदल दो! हिन्दुस्तान की तकदीर बदल दो!’
सपा, बसपा और आरएलडी की संयुक्त महारैली को संबोधित करते हुए आजम खान ने कहा, ‘तुम्हारे बगैर हिन्दुस्तान की तकदीर का फैसला नहीं हो सकता!’ जनता को संबोधित करते हुए आजम ने कहा कि मेरा गुनाह ये है कि मैं तुम्हारा हर दर्द अपना समझता हूं।
आजम खान के संबोधन के अंश—
- हमने शराबखाने नहीं बनवाए। हमने शिक्षा के मंदिर बनाए हैं।
- दो दिन इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने मेरे मरे हुए माँ बाप को भद्दी-भद्दी गालियाँ दीं।
- मंजिल पे न पहुंचे उसे रस्ता नहीं कहते। और दो कदम चलने को चलना नहीं कहते।
- हमने कश्तियाँ नहीं बदली हैं। वो डूब गयीं तो हम भी उनके साथ डूबे।
- हम योद्धा हैं। हम लड़ेंगे। आखिरी सांस तक लड़ेंगे और हम जीतेंगे।
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