सिस्टम से है शहीद के पिता की शिकायत, आज तक गांव में नहीं लगवा सके रमेश की प्रतिमा
सिस्टम से है शहीद के पिता की शिकायत, आज तक गांव में नहीं लगवा सके रमेश की प्रतिमा
पुलवामा हमले की बरसी पर आज पूरा देश शहीदों को याद कर रहा है। देश के लिए न्यौछावर होने वालों में वाराणसी के तोहफापुर के रहने वालों में रमेश यादव भी शामिल थे।
उनकी शहादत को याद करते हुए आज एक बार फिर परिजनों और ग्रामीणों की आंखें नम हो गई। इस मौके पर गांव श्रद्धांजलि सभा के साथ ही शहीद की आत्मा को शांति देने के लिए हवन पूजन भी किया गया।
बेटे को भी बनाऊंगी फौजी-
दो साल बीत जाने के बाद भी रमेश यादव की पत्नी रीनू यादव इस हादसे से उबर नहीं पाई हैं। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि भगवान ना करे किसी को ऐसा दिन देखना पड़े।
रुंधे गले से बताती हैं कि ऐसा कोई दिन नहीं, ऐसा कोई पल नहीं जब पति की यादें उनसे दूर हुई हों। उन्होंने कहा है कि अब सपना सिर्फ यही है कि उनका बेटा भी आगे चलकर फौजी बने और देश की सेवा करे।
बेटे की शहादत पर रामनरेश यादव भी गमजदा हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार एक बार फिर से दुश्मन देश पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे, ताकि फिर वो कभी सेना पर हमला करने की जुर्रत ना कर सके।
जिला प्रशासन से की शिकायत-
रमेश यादव की शहादत के बाद राज्य सरकार ने कई वायदे किए थे। हालांकि मुआवजा राशि तो परिजनों को मिल गई लेकिन गांव में प्रतिमा लगाने के साथ ही मुख्यद्वार बनाने जैसे वादे आज भी अधूरे हैं।
इस बात की टीस आज भी रामनरेश यादव को सालती है। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि सरकार और जिला प्रशासन मेरे बेटे की शहादत को भूल गई है। दो साल गुजर जाने के बाद अब तक वादे पूरे नहीं हो पाए।
इस बाबत उन्होंने कई बार स्थानीय अधिकारियों के साथ बात की थी लेकिन हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन की घुट्टी ही पिलाई जाती है।
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