Climate Friendly है राम मंदिर

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आधुनिक इतिहास में राम मंदिर के लिये की गयी कार-सेवा का परिणाम, 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के तौर पर जाना जाता है. वहीं 22 जनवरी, 2024 को राम लला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का सफल आयोजन हुआ. प्रधानमंत्री मोदी के शब्दों में कहें तो राम लला का टेंट से भव्य राम मंदिर तक का सफर पूर्ण हुआ.

2019 में चीफ जस्टिस Ranjan Gogoi, S.A. Bobde, D.Y. Chandrachud, Ashok Bhushan, और S. Abdul Nazeer ने राम मंदिर के पक्ष में फैसला सुनाया था. अयोध्या के 32 साल के इस सफर में शहर ने बहुत सारे उतार-चढ़ाव देखे है जिसकी वजह से कई बार यह शहर सांप्रदायिक दंगों का भी शिकार रह चुका है.


Ayodhya Vision 2047:
स्मार्ट सिटी

यह कहना गलत नहीं होगा कि अयोध्या, आने वाले कुछ सालों में उत्तर प्रदेश के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का रोल मॉडल बनेगा.. ‘New Ayodhya’ में 1407 एकड़ में बनाए जाने वाली ग्रीन फ़ील्ड टाउनशिप, नवीकरणीय ऊर्जा, बेहतर सड़कें, और इसके साथ ही 2031 तक अयोध्या मास्टर प्लान के तहत 40 मेगा वाट की सोलर ऊर्जा पूरी तरीके से परिचालन मे होगी.
निश्चित रूप से अयोध्या में होने वाले यह विकास कार्य शहर को नया आयाम दर्ज कराने में कारगर होंगे, जोकि पर्यावरण के साथ एवं उसको संरक्षित करके आगे बढ़ेगा.
अयोध्या में पर्यावरण संरक्षण के लिए नए कदम…
• अयोध्या की सोलर स्ट्रीट— शहर मे बनने वाले 40 मेगा वाट की सोलर एनर्जी से शहर की स्ट्रीट लाइट चलेंगी, वही सरयू के तट पर अब सूर्य ऊर्जा से चलने वाली बोटें भी दिखेंगी.
• Waste Management— जैसे-जैसे पुराने अयोध्या को “न्यू अयोध्या” का रूप देने की कोशिश की जा रही है उसके साथ ही शहर मे नगर निगम और कॉर्पोरेट बॉडी अब Solid Waste Management, Liquid Waste Management के लिए भी आधुनिक तौर-तरीकों को इस्तेमाल करने की तैयारी कर रही है.
• बैटरी से चलेंगी गाड़ियां— राम मंदिर से पहले ही अयोध्या मे EV गाड़ियां चलना शुरू हो गई है. अयोध्या रेल्वे स्टेशन से इलेक्ट्रिक गाड़ियां अब लोगों की सेवा मे खड़ी है.
• जल संरक्षण के पथ पर अयोध्या— जिस एरिया मे राम मंदिर का निर्माण हुआ है उसमें से 70 प्रतिशत ग्रीन एरिया है. ऐसा भी कह सकते है की राम मंदिर का निर्माण पुरानी आर्किटेक्चर और नई टेक्नॉलजी का सबसे अच्छा समावेश है.

वैदिक नियम और आधुनिक तकनीक से खिचेगी नई अयोध्या की लकीर

‘विज़न अयोध्या’ 2047 में ज़्यादा जोर अयोध्या में बनने वाले बिल्डिंग और पार्किंग फेसिलिटी में दिया जा रहा है. वैदिक नियम के साथ-साथ अयोध्या को ‘न्यू अयोध्या’ बनाने में आधुनिक तकनीक का भी बहुत बड़ा रोल होगा.
भारत को अब इकोलॉजिकाल संतुलन की जरूरत है. जिस दर पर तापमान बढ़ते जा रहे है उसे रोकने के लिए अब पुराने आर्किटेक्चर के साथ-साथ आधुनिक तकनीक का भी इस्तेमाल करना जरूरी है जोकि इको-फ़्रेंडली हो.

 

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