Ram Mandir: पिछले जन्म के श्राप से है रावण की मौत का संबंध

जानते हैं रामायण से जुडी कुछ अनसुनी कहानियों के बारें में...

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Ram Mandir: विदित है कि महाज्ञानी, लंकापति और असुर राज रावण की मृत्यु का कारण माता सीता को माना जाता है. वाल्मीकि रामयण के अनुसार, माता के पिछले जन्म को लेकर कुछ जानकारी सामने आई है. जिससे पता चलता है कि माता सीता के पिछले जन्म में दिए गए श्राप के कारण रावण की मृत्यु हुई थी.

सीता नहीं वेदवती थी रावण की मृत्यु की वजह

पुराणों के अनुसार, रावण की मृत्यु का कारण माता सीता नहीं, बल्कि वेदवती थी. माता सीता का पिछले जन्म में ‘वेदवती’ नाम था और वेदवती के श्राप के कारण ही रावण का अंत हुआ था. बता दें कि राजा कुशध्वज और मालावती की कन्या वेदवती देवी लक्ष्मी के अंश से उत्पन्न हुई थीं. वेदवती बचपन से ही तेजस्वी कन्या थीं उन्हें वेदमंत्र अर्थ सहित याद थे. वेदवती भगवान नारायण की परम भक्त थीं और उनसे विवाह करना चाहती थीं.

वेदवती ने किया था कठोर तप

कहा जाता है कि वेदवती ने भगवान नारायण को पति रूप में प्राप्त करने के लिए वन में कठोर तपस्या की थी. तब एक दिन आकाशवाणी हुई थी कि अगले जन्म में भगवान विष्णु को पति रूप में पाने का सौभाग्य प्राप्त होगा, लेकिन वेदवती ने अपना तप नहीं छोड़ा. वेदवती की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु स्वयं उनके सामने प्रकट हुए और भगवान विष्णु ने कहा कि इस जन्म में यह नहीं हो सकता है, लेकिन अगले जन्म में वह जरूर उनकी पत्नी बनेंगी. इसके बाद अगले जन्म में जब भगवान विष्णु ने रामावतार लिया, तब वेदवती, माता सीता के स्वरूप में भगवान विष्णु की पत्नी बनीं.

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रावण ने सीता में रूप में वेदवती का किया था हरण

रामावतार में जब राम, लक्ष्मण और सीता 14 वर्ष के लिए वन में थे, तो इस दौरान राम ने सीता को वेदवती के श्राप की बात बताई और सीता को अग्नि में समर्पित कर दिया. सीता के रूप में वेदवती प्रकट हुई. तब सीता के रूप में रावण ने वेदवती का हरण किया था. जब रावण का वध हो जाता है, तब सीता की अग्नि परीक्षा होती है.

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