Ram Mandir: काशी के ब्राह्मण करेंगे आह्वान , रामलला होंगे विराजमान
त्रैलोक्य का दर्शन करेंगे रामलला
Ayodhya: 22 जनवरी को अयोध्या में भव्य राम मंदिर में रामलला को विराजमान कराया जाएगा. इसके लिए देश ही नहीं विदेशों में भी इसको लेकर तैयारियां जोरों पर है. मंदिर में स्थापित होने वहीं रामलला की मूर्ति का चयन भी किया जा चुका है. बताया जा रहा है कि राम मंदिर पूरी तरह से 2025 तक बनकर तैयार हो जाएगा. कहा जा रहा है कि रामलला के विराजमान होने के साथ ही भारत के भाग्य का भी उदय होगा.
त्रैलोक्य का दर्शन करेंगे रामलला-
आपको बता दें कि प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन 22 जनवरी को शय्याधिवास के बाद रामलला को त्रैलोक्य यानी तीनों लोकों की मंगल कामना से जगाया जाएगा. काशी के कर्मकांडी ब्राह्मण आह्वान करेंगे…प्रभु उठिये और त्रैलोक्य का मंगल कीजिए. इसके साथ ही विधि विधान से प्राण प्रतिष्ठा के अंतिम दिन के विधान आरंभ होंगे.
शुभ मुहूर्त में होगी प्राण प्रतिष्ठा-
गौरतलब है कि राममंदिर की प्राण प्रतिष्ठा शुभ मुहूर्त में होगी. ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि यह शुभ संयोग भारत के लिए भी हितकारी होगा. काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी का कहना है कि धर्म के विग्रह श्रीराम ही टेंट में थे, इसलिए भारत का भाग्य प्रकाशमय नहीं हो रहा था. प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही भारत की कीर्ति, यश, वैभव सर्वोच्च शिखर पर होगा.
राजा के रूप में विराजमान होंगे प्रभु श्रीराम-
कहा जा रहा है कि 22 जनवरी को प्रभु श्रीराम जब राजा के रूप में अयोध्या में स्वयं विराजमान होंगे तो धर्म की ध्वजा विश्व में फहराएगी. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए अभिजीत मुहूर्त देने वाले पं.गणेश्वर शास्त्री द्राविड़ का मानना है कि इससे रामजी की राज्यवृद्धि होगी अर्थात नीति के अनुसार शासन कार्य चलेगा.
प्राण प्रतिष्ठा में लिया जाएगा पंच संकल्प
काशी विद्वत परिषद ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के दौरान श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को पंच संकल्प करने की सलाह दी है. इसमें राष्ट्ररक्षा, मानव कल्याण, विश्वशांति, सनातन धर्म की ध्वजा शिखर पर फहराने और भारत को विश्वगुरु बनने का संकल्प लिया जाएगा.
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अचल मूर्ति 22 को ही होगी सार्वजनिक
श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि भक्तों को रामलला की अचल मूर्ति का दर्शन 23 जनवरी से ही प्राप्त होगा. प्राण प्रतिष्ठित होने वाली अचल मूर्ति 22 जनवरी को सार्वजनिक की जाएगी. जिस विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा होनी है उसका चयन कर लिया गया है.
17 जनवरी से शुरू होंगे अनुष्ठान
कर्मकांडी पंडित लक्ष्मीकांत द्विवेदी के अनुसार अनुष्ठान प्रायश्चित संस्कार के बाद शुरू होंगे. 17 को नगर भ्रमण, 18 को सभी देवताओं का स्थापन, विद्वानों का वरण, कुटीर कर्म के बाद भगवान का जलाधिवास होगा जबकि 19 को अरणी मंथन से यज्ञ की अग्नि प्रज्ज्वलित होगी. 20 को घृताधिवास, 21 को सहस्त्रछिद्र कलश से स्नान के बाद श्रीराम की दिव्य दृष्टि खोली जाएगी व नेत्रोमिलन संस्कार होगा. 22 जनवरी को 84 सेकंड के शुभ मुहूर्त में भगवान गर्भगृह में विराजमान होंगे.