तो क्‍या हटा देंगे राजीव गांधी का नाम

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सड़कों और शहरों का नाम बदलने के क्रम में एक और नाम बदलने की तैयारी है। जी हां इस बार का मामला बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी बीएचयू से जुड़ा है। बीएचयू कोर्ट ने राजीव गांधी साउथ कैंपस बरकछा से राजीव गांधी का नाम हटाने की सिफारिश की है। कोर्ट का कहना है कि साउथ कैंपस को लेकर राजीव गांधी का कोई योगदान नहीं जुड़ा है।

एकेडमिक काउं‍सिल को भेजा गया है प्रस्‍ताव-

इलाहाबाद हाईकोर्ट से सेवानिवृत्त न्यायाधीश व बीएचयू के चांसलर गिरिधर मालवीय ने सप्ताह के प्रारंभ में हुई कोर्ट की बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने एकेडमिक काउं‍सिल को प्रस्ताव भेजे जानेकी पुष्टि की है। न्यायमूर्ति मालवीय ने कहा, ‘कोर्ट के सदस्यों ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कभी भी बीएचयू का दौरा नहीं किया। पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्रीअर्जुन सिंह ने बीएचयू के दक्षिणी कैंपस का नाम पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर रखा था।’

बताते चलें कि कोर्ट यूनिवर्सिटी का एक सलाहकार निकाय है। उसने अपना प्रस्ताव यूनिवर्सिटी के निर्णय लेने वाले निकाय अकादमिक परिषद को भेजा है। साल 2006 में स्थापित यह परिसर मिर्जापुर जिले में स्थित है। इसे ‘राजीव गांधी साउथ कैंपस बरकछा’ के नाम से जाना जाता है।

कांग्रेस को रास नहीं आयी बात-

वहीं कांग्रेस ने इस तरह के किसी भी कदम का पुरजोर विरोध करनेका फैसला किया है। वहीं कांग्रेसी नेता अजय राय ने बयान दिया कि मिर्जापुर जिले के बरकछा स्थित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के राजीव गांधी साउथ कैंपस का नाम बदले जाने के किसी भी कदम का पार्टी विरोध करेगी। उन्होंने कहा, ‘अगर इस तरह का कोई प्रयास किया जाता है तो कांग्रेस सड़क पर उतरेगी और नाम बदलने नहीं देगी।’

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