खुद की पार्टी बनाएंगे रजनीकांत, 31 दिसंबर को करेंगे एलान !
अभिनेता कमल हासन के बाद सुपरस्टार रजनीकांत को लेकर लगातार यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वह जल्द ही राजनीति में आने का ऐलान कर सकते हैं। हालांकि, यह तस्वीर काफी हद तक साफ हो चुकी है, क्योंकि रजनीकांत ने मंगलवार को कहा कि वह 31 दिसंबर को इस बारे में अपने निर्णय का ऐलान कर देंगे। सुपरस्टार रजनीकांत ने चेन्नै में स्थित श्री राघवेंद्र कल्यान मंडपम में अपने प्रशंसकों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने राजनीति पर भी लोगों से बातचीत की।
‘युद्ध के मैदान में कदम रखा तो जीतना होगा’
रजनीकांत ने कहा, ‘मेरे राजनीति में आने को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं। मैं अपना निर्णय 31 दिसंबर को बता दूंगा। मैं राजनीति में नया नहीं हूं। मुझे पता है कि राजनीति में आने के बाद नुकसान क्या है, जिसकी वजह से मैं अनिच्छुक हूं। हमें राजनीति में आने के लिए विवेक और रणनीति दोनों की जरूरत होती है। यदि अपने युद्ध के मैदान में कदम रखा तो आपको जीतना होगा। युद्ध मतलब चुनाव। मैं आज भी आभारी हूं, जब जयललिता मुझसे मेरे घर में मिली थीं। बहरहाल, मैंने अपने प्रशंसकों से मिलने के लिए पहले ही तैयारी की थी। ‘काला’ फिल्म और बारिश की वजह से प्रशंसकों से मुलाकात नहीं हो सकी थी।’
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जानिए क्या मानते हैं स्टालिन?
लेखक स्टालिन राजनगम का मानना है कि बाहरी होने के नाते रजनीकांत जाति आधारित राजनीति नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, ‘डीएमके मजबूत विरोधी नहीं होने के कारण सत्ता हासिल करने की फिराक में है। रजनीकांत के राजनीति में आने से माहौल बदल जाएगा।’
यह कहते हैं रजनीकांत के करीबी
रजनीकांत के करीबी सूत्रों ने कहा, ‘रजनीकांत अलग पार्टी बनाएंगे और बीजेपी समेत किसी अन्य पार्टी में शामिल नहीं होंगे।’ उन्होंने कहा कि यदि बीजेपी लोकसभा चुनाव से पहले रजनी को सदस्य या सहयोगी के रूप में अपने पाले में लाना चाहती है, तो भी वह अपनी ऊर्जा आगामी विधानसभा चुनाव के लिए बचाकर रखना चाहेंगे। बीजेपी चाहती है कि आगामी विधानसभा चुनाव स्टालिन बनाम रजनीकांत हो। उन्होंने यह भी कहा, ‘आध्यात्मिक होने के नाते रजनीकांत वामपंथी नहीं हो सकते हैं। वह कट्टरपंथी या दक्षिणपंथी भी नहीं हो सकते हैं। वह नरमवादी होंगे, जो समाज के हर तबके के लोगों को आकर्षित कर सकेगा।’
(साभार- नवभारत टाइम्स)