राजा राजेन्द्र सिंह ने खुद को बताया राम का वंशज, जन्मभूमि पर ठोका दावा

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देश के सर्वोच्च न्यायालय में चल रहा अयोध्या रामजन्मभूमि विवाद में अदालत ने भगवान राम के वंशजों की जानकारी हासिल करने की मांग की थी। इस पर क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजा राजेन्द्र सिंह ने वंशज सुप्रीम कोर्ट में शपथपत्र देकर राम के वंशज होने का दावा ठोका है।

पूरा मामला:

बता दें कि राजा राजेन्द्र सिंह ने भारत सरकार से आग्रह किया है कि रामजन्मभूमि विवाद का मुकदमा सुप्रीम कोर्ट से जल्द से जल्द बंद कराया जाये और पूरी भूमि राम वंशजों को सौंप दी जाए। राजेन्द्र सिंह ने कहा कि लाखों वर्षों से रामजन्मभूमि हमारे वंशजो खानदान की रही है और आज भी है।

विवादित ढांचा बोलने वालों को इस बात की जानकारी नहीं है कि उसमें राम लक्ष्मण जानकी की ही मूर्तियां स्थापित थी और देश की आजादी के समय धोके से पॉवर ऑफ ट्रांसफर हथियाने वालों ने सभी रियासत के मालिकों को पावर विहीन करने के बाद उसमें ताला लगाकर विवादित स्थल का नाम करार दिया था, और जब पूर्व प्रधानमंत्री ने ताला खुलवाया तब भी सभी मूर्तियां थी।

राजा राजेन्द्र सिंह ने कहा कि मुकदमा किस बात का चल रहा है पूजा पाठ करने वाले मालिक नही बन जाते हैं। गौरतलब है कि कोई पूजा अर्चना करने के अधिकार के लिए लड़ रहा है तो कोई पुरानी इमारत की मरम्मत कराने का जबकि ना ही वहाँ पुराना मंदिर है जिसकी मरम्मत की जाए।

हिंदू महासभा मांग कर रहे हैं कि रामजन्मभूमि हिंदुओं की है तो हिन्दू महासभा हकदार है इसलिए मेरा कहना है कि रामजन्मभूमि क्षत्रिय वँश की पैतृक संपत्ति है ना ही और किसी की है।

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मौके पर भूमि पर कब्जा राजा रामचन्द्र जी का है जो उस भूमि पर विराजमान हैं और सुरक्षा व्यवस्था भारत सरकार की है, और जब भूमि पर राजा रामचन्द्र जी का ही कब्जा है और पैतृक संपत्ति भी है तो कब्जा भी वंशजों का ही मान्य है।

साथ ही कहा कि सरकार सुरक्षा व्यवस्था हम वंशजों को सौंप दे हम सब राजा रामचन्द्र जी का भव्य राजमहल बना लेगें।

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