रेल किराया बढ़ा, नए साल में सफर हुआ महंगा, लोगों में असंतोष
नए साल में ट्रेन से सफर करना महंगा हो गया है। रेलवे ने यात्री किराया बढ़ा दिया है। भारतीय रेलवे ने यात्री किराये में एक से चार पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी की है। यात्री किराये में बढ़ोतरी मंगलवार आधी रात से लागू कर दी गई है। किराया एक पैसे से चार पैसे प्रति किलोमीटर बढ़ाया गया है।
इसे लेकर लोगों में व्यापक असंतोष है। वे चाहते हैं कि किराया बढ़ने के साथ सुविधाएं भी बढ़ें।
स्लीपर क्लास में दो पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी
रेलवे ने स्लीपर क्लास में दो पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी की है, जबकि एसी क्लास में चार पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी की है।
नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय रेलवे की कमाई 10 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है। रेलवे का परिचालन अनुपात वित्त वर्ष 2017-18 में 98.44 प्रतिशत पर पहुंच गया है, जिसका मतलब यह है कि रेलवे को 100 रुपये कमाने के लिए 98.44 रुपये खर्च करने पड़े हैं।
रेलवे को दो फीसदी की भी कमाई नहीं हो पा रही
परिचालन अनुपात के आंकड़े से रेलवे की हालत को सहज ही समझा जा सकता है और सीधा-सा अर्थ है कि अपने तमाम संसाधनों पर रेलवे को दो फीसदी की भी कमाई नहीं हो पा रही है।
रेलवे ने कई सालों से यात्री किराये में इजाफा नहीं किया था। पिछले साल संसद की एक समिति ने सिफारिश की थी कि रेलवे को निश्चित अवधि में रेल यात्री किराये की समीक्षा करनी चाहिए। समिति ने किराये को व्यवहारिक बनाने की भी बात कही, ताकि उससे रेलवे की आय बढ़ाई जा सके। यह सुझाव यात्री सेवाओं से अर्जित होने वाली रकम में कमी आने को देखते हुए दिया गया था।
बजट में सरकार ने रेल किराये में वृद्धि नहीं की थी
हालांकि, बजट में सरकार ने रेल किराये में वृद्धि नहीं की थी। बढ़े हुए किराये के मुताबिक, अब राजधानी ट्रेनों में यात्रा करने वाले मुसाफिरों को 60 रुपये अधिक देने होंगे, जबकि शताब्दी में 15 से 20 रुपये अधिक देने होंगे। मेल और एक्सप्रेस ट्रेन में यात्रा करने पर 55 से 60 रुपये अतिरिक्त देने होंगे।