मांसाहारी स्टूडेंट्स को नहीं मिलेगा 'गोल्ड मेडल'
मांस, मछली और शराब का सेवन करने वाले छात्रों को पुणे विश्वविद्यालय गोल्ड मैडल नहीं देगा।महाराष्ट्र की पुणे की एक यूनिवर्सिटी ने हैरान करने वाला फैसला लिया है, जिसके मुताबिक, सिर्फ शाकाहारी और नशा न करने वाले छात्रों को ही गोल्ड मेडल दिया जाएगा।
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पुणे के सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय के सर्कुलर के अनुसार 10 ऐसी शर्तें तय की गई हैं जो महर्षि कीर्तंकर शेलार मामा गोल्ड मेडल के लिए छात्र की पात्रता तय करेंगे। गोल्ड मेडल पाने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने जो शर्त रखी है उसमें से एक में ये साफ तौर पर कहा गया है कि मेडल की पात्रता के लिए केवल शाकाहारी और नशा न करने वाले छात्र ही अप्लाई कर सकते हैं।
भारतीय सभ्यता-संस्कृति में भी रुचि होनी चाहिए
इसके साथ ही इस सर्कुलर में ये भी कंडीशन दी गई कि आवेदक छात्र को दसवीं, बारहवीं और ग्रेजुएशन की पढ़ाई में पहली श्रेणी या दूसरी श्रेणी के साथ पास होना चाहिए।साथ ही में ये भी लिखा गया कि मेडल के लिए अप्लाई करने वाले छात्र को भारतीय सभ्यता-संस्कृति में भी रुचि होनी चाहिए।
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वहीं एक अन्य प्वाइंट के मुताबिक, योग, प्राणायाम और ध्यान करने वाले छात्र को इस मेडल के लिए प्राथमिकता दी जाएगी।ये सर्कुलर सामने आने के बाद से ही इसकी आलोचना हो रही है। सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर लोग अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं।
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एनसीपी की नेता और सांसद सुप्रिया सुले ने ट्वीट कर कहा, ‘पुणे यूनिवर्सिटी का फैसला निराशाजनक और चौंकाने वाला है। अपने राज्य’ की शिक्षा पर गर्व है, हमारी यूनिवर्सिटीज को क्या हो गया है। कृपया खाने की जगह शिक्षा पर ध्यान दें।
यूनिवर्सिटी को केवल पढ़ाई पर ध्याान देना चाहिए
‘मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शिवसेना के युवा सेना अध्यक्ष आदित्य ठाकरे ने भी फैसले की आलोचना करते हुए बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कोई क्या खाए क्या ना खाए ये उसका अपना फैसला होना चाहिए। यूनिवर्सिटी को केवल पढ़ाई पर ध्याान देना चाहिए।
(साभार – जी न्यूज)
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