प्रदर्शनकारियों के गुस्से का शिकार हो रहे यूपी बिहार के लोग, मिल रही धमकियां…
14 महीने की मासूम से रेप (rape) की घटना के खिलाफ अहमदाबाद की सड़कों पर हो रहे विरोध प्रदर्शन ने गुरुवार को हिंसक रूप ले लिया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों के गुस्से का शिकार उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों को होना पड़ा। रेप की जिस घटना को लेकर लोग गुस्से में हैं, उस मामले में आरोपी बिहार का रहने वाला है। यही वजह है कि अब स्थानीय लोगों के निशाने पर उत्तर भारतीय हैं।
पुलिस ने बुधवार को गुरुवार को ऐसे दो मामले दर्ज किए, जिनमें उत्तर प्रदेश के लोगों को निशाना बनाया गया था। बता दें कि 28 सितबंर को एक मजदूर ने 14 साल की मासूम से रेप किया था, जिसके बाद से राज्य में प्रदर्शन हो रहे हैं। आरोपी मजदूर बिहार का रहनेवाला है। दर्ज किए गए मामलों में से एक चांदलोडिया का है, जहां भीड़ ने एक आदमी पर हमला कर दिया।
25 लोगों ने चांदलोडिया पुल पर उस पर हमला कर दिया
बताया गया है कि 23 साल का ऑटोरिक्शा ड्राइवर केदारनाथ मूल रूप से यूपी के सुलतानपुर का रहने वाला है। उसने पुलिस को बताया कि करीब 25 लोगों ने चांदलोडिया पुल पर उस पर हमला कर दिया। उसने बताया कि भीड़ सब्जी के ठेले पलट रही थी और लोगों पर हमला कर रही थी। जब केदार ने भागने की कोशिश की तो उसे रोका गया, उसके रिक्शे की विंडशील्ड तोड़ दी गई और उसे पीटा गया। उसने एफआईआर में बताया है कि उसकी उंगली टूट गई है और कंधे में फ्रैक्चर है।
पुलिस ने गुरुवार को हिरासत में ले लिया
उसने बताया कि लोग चिल्ला रहे थे, ‘बाहरी लोग राज्य छोड़ दें और गुजराती लोगों को बचाया जाना चाहिए।’ पुलिस के सूत्रों ने बताया कि भीड़ ने 8 गाड़ियां, एक लोडिंग रिक्शा और एक टू-वीलर तोड़ दिया। केदार ने उसे पीटने वाली भीड़ में से 10 लोगों को पहचान लिया है, जिन्हें पुलिस ने गुरुवार को हिरासत में ले लिया।
यूपी और बिहार के लोग शहर छोड़ दे
वहीं, दूसरी घटना साबरमती की है जहां एक महिला को भीड़ ने दौड़ा लिया। प्रतिमा कोरी नाम की स्किन एक्सपर्ट को साबरमती में रेलवे ब्रिज के पास घर जाते वक्त चार लोगों ने रोक लिया। वे लोग उनका पीछा करने लगे और गालियां देने लगे। वे कह रहे थे कि यूपी और बिहार के लोग शहर छोड़ दें, वरना उन्हें मार दिया जाएगा। प्रतिमा ने बताया कि वह डरकर भागने लगीं। उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम में फोन किया और बुधवार को शिकायत दर्ज कराई। प्रतिमा का जन्म यूपी के फैजाबाद में हुआ था लेकिन वह पली-बढ़ी साबरमती में ही हैं।
स्थिति को काबू में करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा
अहमदाबाद के मेघनीनगर में भी विरोध-प्रदर्शन के दौरान ठाकोर समुदाय ने ‘बाहरियों’ के खिलाफ ऐक्शन की डिमांड की। उधर, गुरुवार शाम को मेहसाणा के नंदसन और काडी में भी उत्तर भारतीयों के खिलाफ हिंसा के कई मामले दर्ज किए गए। पुलिस को स्थिति को काबू में करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा।
साबरकांठा में एक मजदूर ने 28 सितंबर को 14 महीने की बच्ची से रेप किया था। आरोपी रवींद्र कुमार बिहार का रहने वाला है और यहां एक फैक्ट्री में काम करता था। घटना के बाद से विरोध-प्रदर्शन चल रहे हैं। साबरकांठा में एक हफ्ते पहले और वडनगर में मंगलवार को प्रदर्शन किए गए।
वडनगर में कांग्रेस विधायक और गुजरात क्षत्रिय ठाकोर सेना के संयोजक अल्पेश ठाकोर के नेतृत्व में हो रहे प्रदर्शन हिंसक हो गए, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का सहारा लेना पड़ा। प्रदर्शनकारी, प्रवासी वर्कर्स को हटाने की मांग कर रहे थे। ठाकोर ने कहा कि इंडस्ट्रियल यूनिट्स को दूसरे राज्यों की जगह स्थानीय लोगों को काम देना चाहिए। साभार
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