सीएम योगी को ‘दलित मित्र अवार्ड’ क्यों?
सूबे के सीएम योगी के विरोध में दलितों ने मोर्चा संभाल लिया है। सीएम योगी को दलित अवार्ड दिये जाने का विरोध कर रहे अंबेडकर महासभा के लोगों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। दरअसल, अंबेडकर महासभा सूबे के सीएम योगी को दलित अवार्ड देने के ऐलान के बाद से महासभा के ही सदस्यों में ही तनातनी बनी थी।
प्रदर्शन कर रहे सदस्यों को हिरासत में ले लिया
इस ऐलान के बाद से दलितों ने नाराजगी जताना शुरु कर दिया था। दलितों का कहना है कि दलित मित्र अवार्ड जैसा कोई सम्मान है ही नही तो महासभा की तरफ से सीएम योगी को दलित मित्र अवार्ड क्यों दिया जा रहा है। इसी के चलते महासभा के सदस्यों ने हजरतगंज स्थित अंबेडकर महासभा कार्यालय पर बवाल काटना शुरु कर दिया। इसके बाद यूपी पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे सदस्यों को हिरासत में ले लिया।
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महासभा के सदस्य आईएएस आई हरिश्चन्द्र का कहना है कि हम शांतिपूर्ण तरीके से सीएम योगी को दलित मित्र अवार्ड दिये जाने का विरोध कर रहे थे। पुलिस ने हमें हिरासत में ले लिया है। उनका कहना है कि महासभा की तरफ से दलित मित्र अवार्ड दिये जाने का प्रावधान नही है तो महासभा कैसे इस तरह का अवार्ड दे रहा है। पुलिस ने रेटियार्ड आईएएस आई हरिश्चन्द्र, रिटायर्ड आईपीएस एसआर दारापुरी, एन एस चौरसिया और गजोधर प्रसाद को हिरासत में लिया गया है। आपको बता दे कि
ये सभी लोग अम्बेडकर महासभा के फाउंडिंग मेंबर है।
दलितों वोट घसीटने के लिए चल रहा रस्साकसी का दौर
आज अंबेडकर जयंती के मौके पर सभी राजनीतिक दल अपने अपने तरीकों से बाबा साहेब पर हक जता रहे है। 2019 का चुनाव नजदीक है लिहाजा सभी पार्टियों की दलितों को अपने खेमे में करने की कोशिश का ही एक हिस्सा है। इसी क्रम में सभी पार्टिया जी जान से बाबा साहेब पर दावे कर रही है और उनके मिशन को पूरा करने की बाते कर रही हैं।
तड़के अंबेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण करने जा पहुंचे
लिहाजा अपने अपने तरीके से दलितों को अपने खेमे में करने की कोशिशों को जुटी है। एक तरफ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तो पहले ही अंबेडकर जयंती को खास बनाने के लिए पार्टी के निर्देश दे दिये थे। तो दूसरी तरफ सीएम योगी आदिस्यनाथ भी तड़के अंबेडकर प्रतिमा पर माल्यार्पण करने जा पहुंचे। अंबेडकर के नाम पर दलित वोटों की घसीटने के चक्कर में रस्साकसी का दौर चल रहा है। ऐसे में मौका भी अंबेडकर जयंती का हो तो कोई राजनीतिक दल इसे अछूता रहने में भला कैसे रह सकता है।
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