केरल की राह पर पंजाब सरकार, विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पास 

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एजेंसी

केरल के बाद पंजाब विधानसभा ने भी सीएए के विरोध में प्रस्ताव पास किया है। पूरे देश में सीएए के विरोध में प्रदर्शनों का दौर चल रहा है। पंजाब दूसरा राज्य है जिसने नागरिकता कानून के विरोध में प्रस्ताव पास किया है।

कैप्टन सरकार ने पेश किया

केरल के बाद अब पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में नागरिकता संशोधन कानून(सीएए) के खिलाफ एक प्रस्ताव पास किया गया है, जिसे कैप्टन सरकार ने पेश किया था। इस समय प्रस्ताव पर विधानसभा में बहस जारी है। जहां आम आदमी पार्टी ने प्रस्ताव का समर्थन किया है, वहीं अकाली और भाजपाई इसके विरोध में हैं।

राष्ट्र के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने के छिन्न-भिन्न होने का खतरा बढ़ गया

पंजाब की सरकार ने एलान किया था कि सरकार नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के संबंध में सदन की इच्छा से आगे बढ़ेगी। क्योंकि इससे राष्ट्र के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने के छिन्न-भिन्न होने का खतरा बढ़ गया है।

केरल विधानसभा में भी पास हुआ था सीएए के विरुद्ध प्रस्ताव

बता दें कि पंजाब से पहले केरल विधानसभा में भी सीएए के खिलाफ एक प्रस्ताव पास किया गया था। प्रस्ताव पेश करते हुए मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा था कि सीएए धर्मनिरपेक्ष नजरिए और देश के ताने बाने के खिलाफ है तथा इसमें नागरिकता देने में धर्म के आधार पर भेदभाव होगा। यह कानून संविधान के आधारभूत मूल्यों और सिद्धांतों के विरोधाभासी है।

देशभर में विरोध प्रदर्शन

ज्ञात हो कि मोदी सरकार के नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में जहाँ विरोध प्रदर्शन हो रहा है तो वही अब केरल विधानसभा से नागरिकता संशोधन कानून को रद्द करने की मांग वाला प्रस्ताव  पास कर दिया गया है।

बतादें कि केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के नागरिकता संशोधन कानून 2019 (CAA) को लेकर विरोध का सिलसिला अभी भी थमा नहीं है। भले ही उग्र और हिंसक प्रदर्शन पर प्रशासन ने काबू पा लिया हो लेकिन अब इस कानून के खिलाफ विधानसभा से लड़ाई जारी हो गयी है।

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