संसद में प्रियंका गांधी का पहला संबोधन, जानिए किन-किन मुद्दों पर रखी बात…
कांग्रेस नेता और वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को लोकसभा में अपना पहला भाषण दिया, जिसमें उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए हैं. अपने संबोधन की शुरुआत उन्होंने संविधान के महत्व को रेखांकित करते हुए की है. प्रियंका गांधी ने कहा कि, ”संविधान हमारी आवाज़ है, जो हमें चर्चा और संवाद का अधिकार प्रदान करता है. संविधान ने आम नागरिकों को न केवल सरकार को चुनने का अधिकार दिया है, बल्कि उसे बदलने की शक्ति भी प्रदान की है. वाद-विवाद और संवाद भारतीय लोकतंत्र की पुरानी परंपराएं हैं. संविधान मात्र एक दस्तावेज़ नहीं है, यह न्याय और उम्मीद की एक ज्योति है. यह सभी नागरिकों को न्याय की गारंटी देता है और एक सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करता है.”
हमारा संविधान एक सुरक्षा कवच – प्रियंका गांधी
अपने पहले भाषण में प्रियंका गांधी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा है कि, ”हमारा संविधान एक सुरक्षा कवच है. ऐसा सुरक्षा कवच जो नागरिकों को सुरक्षित रखता है. यह न्याय का, एकता का, अभिव्यक्ति की आजादी का कवच है. यह दुखद है कि 10 साल में बड़े-बड़े दावे करने वाले सत्ता पक्ष के साथियों ने इस कवच को तोड़ने का पूरा प्रयास किया है. संविधान में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का वादा है. यह वादे सुरक्षा कवच हैं और इसे तोड़ने का काम शुरू हो गया है. लेटरल एंट्री और निजीकरण के जरिए यह सरकार आरक्षण को कमजोर करने का काम कर रही है.”
प्रियंका ने सुनाई कहानी…
इसके आगे प्रियंका ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए एक कहानी का जिक्र करते हुए कहा कि, ” आप ने सुना होगा कहानियों में राजा भेष बदलकर आलोचना सुनने जाता था. लेकिन आज का राजा भेष तो बदलते हैं, शौक तो है उनको भेष बदलने का, लेकिन न जनता के बीच जाने की हिम्मत है और न आलोचना सुनने की. मैं तो सदन में नई हूं. सिर्फ 15 दिन से आ रही हूं. लेकिन मुझे ताज्जुब होता है कि इतने बड़े-बड़े मुद्दे हैं, प्रधानमंत्री जी सिर्फ एक दिन के लिए 10 मिनट दिखे हैं. बात ये है कि ये देश भय से नहीं, साहस और संघर्ष से बना है. इसको बनाने वाले देश के किसान, जवान, करोड़ों मजदूर और गरीब जनता है. संविधान इनको साहस देता है. मेहनती मिडिल क्लास है. इस देश के करोड़ों देशवासी हैं, जो रोजाना भयंकर परिस्थितियों का सामना करते हैं, उनको साहस देता है.”
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”एक व्यक्ति को बचाने के लिए सरकार ने 142 करोड़ जनता को नकारा”
प्रियंका ने कहा, अडानी जी को सारे कोल्ड स्टोरेज आपकी सरकार ने दिए. देश देख रहा है कि एक व्यक्ति को बचाने के लिए 142 करोड़ देश की जनता को नकारा जा रहा है. सारे बिजनेस, सारे संसाधन, सारी दौलत, सारे मौके, एक ही व्यक्ति को सौंपे जा रहे हैं. सारे बंदरगाह, एयरपोर्ट, सड़कें, रेलवे का काम, कारखाने, खदानें, सरकारी कंपनियां सिर्फ एक व्यक्ति को दी जा रही हैं. जनता को भरोसा था कि अगर कुछ नहीं है तो संविधान हमारी रक्षा करेगा. मगर आज सरकार सिर्फ अडानीजी के मुनाफे पर चल रही है. जो गरीब है वो और गरीब हो रहा है. जो अमीर है, वो और अमीर हो रहा है.