लखनऊ जिला जेल में कैदी ने गमछे से फंदा बनाकर लगाई फांसी, शरीर पर मिले चोट के कई निशान
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की जिला जेल में निरुद्ध एक कैदी द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। बुधवार देर रात बल्दी खेड़ा थाना पारा निवासी 45 साल के कैदी अमन गोपी ने गमछे का फंदा बनाकर लोहे की ग्रिल से लटककर आत्महत्या कर ली। कैदी के शरीर पर चोट के निशान मिले हैं। पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने के साथ-साथ मामले की पड़ताल में जुटी है।
तन्हाई बैरक में कैदी ने लगाई फांसी
जेल प्रशासन के मुताबिक, 21 जुलाई को कैदी गोपी ने बैरक बदलने के दौरान एक साथी से मारपीट की थी, जिसमें उसे चोटें आई थीं। इलाज के बाद उसे तन्हाई बैरक में शिफ्ट किया गया था। बता दें कि वह 17 सितम्बर 2018 में लखनऊ के पारा इलाके में हुए हत्याकांड के मुकदमें में बन्द था।
पारा के बलदीखेड़ा पारा का रहने वाला है कैदी
जेल सुपरिटेंडेंट आशीष तिवारी ने बताया कि, कैदी पारा के बलदीखेड़ा पारा का रहने वाला है। बीते 21 जुलाई को कैदी ने दूसरे कैदी से मारपीट की थी, जिसमें इसको भी चोटें आई थीं। जेल के हॉस्पिटल में इलाज के बाद कैदी के कहने पर ही 25 जुलाई को उसे तन्हाई बैरक में शिफ्ट किया गया था।
तीन साल से ठीक नहीं था कैदी का मानसिक सन्तुलन
बुधवार देर रात दो बजे सूचना मिली कैदी ने फांसी लगा ली है। आनन-फानन में कैदी को जेल हॉस्पिटल में लाया गया, जहां पर डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। बताया जा रहा हैं कि बीते तीन साल से कैदी की मानसिक सन्तुलन ठीक नहीं थी। वह अक्सर लड़ाई और झगड़ा करता था।
हत्या के मुकदमें जेल में बंद था कैदी गोपी
जेल सुपरिटेंडेंट ने बताया कि साल 1999 में दहेज हत्या के मुकदमे में कैदी गोपी सजा काट चुका है। इसके बाद एक अन्य मामले भी उसने सजा काटी थी। अभी 17 सितम्बर 2017 को पारा में हत्या के मुकदमें जेल में बंद था। पूरे मामले की जांच के लिए डीजी जेल ऑफिस ने निर्देश दिए हैं।
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