अब हमें थूकने की संस्कृति से निजात पाना होगा : मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोनावायरस महामारी के खिलाफ वैश्विक लड़ाई के बीच रविवार को जनता से अपील कर कहा कि वे सार्वजनिक स्थानों पर थूकने की आदत को लेकर सचेत हो जाएं। प्रधानमंत्री ने ‘कभी नहीं से देर भली’ की बात कहकर कहा कि समाज ने थूकने की आदत के नकारात्मक प्रभाव को समझा है। यह स्वास्थ्य और परिवेश की स्वच्छता को प्रभावित करता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 64वें संस्करण में कहा, “भारत में हमें पहले से पता है कि सार्वजनिक स्थानों पर थूकना गलत है, लेकिन फिर भी यह चलता रहा। अब हम थूकें नहीं यह सुनिश्चित करने का यही सबसे अच्छा समय है। इस कदम के माध्यम से बुनियादी स्वच्छता को बढ़ाते हुए कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को मजबूती मिलेगी।”

प्रधानमंत्री ने फेस मास्क पहनने पर भी जोर देते हुए कहा कि कोरोना महामारी के चलते कुछ स्वागत योग्य परिवर्तनों में से एक कोविड-19 संक्रमण के युग के बाद भी मास्क पहनने की आवश्यकता को लेकर आई जागरूकता है।

उन्होंने कहा, “मास्क कुछ ऐसा है, जिसे हमें आने वाले समय में पहने रखना होगा। इसका मतलब यह नहीं है कि मास्क लगाने वाला व्यक्ति अस्वस्थ है, यह सिर्फ एक बुद्धिमानी भरा एहतियाती कदम है।”

प्रधानमंत्री का संबोधन ऐसे समय में आया जब कोरोनावायरस की रोकथाम के मद्देनजर पूरे देश में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लागू है। देश में अब तक इस महामारी से संक्रमित 824 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 19,800 से अधिक लोग कोविड-19 से संक्रमित हो चुके हैं।

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प्रधानमंत्री मोदी ने 24 मार्च को 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की थी। वहीं, केंद्र सरकार ने महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए बाद में 14 अप्रैल को राष्ट्रव्यापी बंद को आगे 3 मई तक 19 दिनों के लिए बढ़ाने का निर्णय किया था।

 

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