इस गांव का हर बाशिंदा ईमानदारी से अदा करता है कर

0

महज आठ हजार की आबादी वाली एक पंचायत ने अपनी आमदनी तीन साल में 60 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये कर ली। 40 लाख रुपये की यह बढ़ोतरी ग्रामीणों द्वारा ईमानदारी से भरे गए कर की वजह से हुई है। इस धन का उपयोग कैसे, कहां और कितना किया जाए उस पर भी रायशुमारी होती है। धार जिले का यह गांव सुंद्रैल इसी तरह विकास की इबारत लिख रहा है।

पशु बाजार के विकास पर पूरा ध्यान है

हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने आय बढ़ाने वाले जिन 11 पंचायतों को पुरस्कृत किया उनमें से एक पंचायत यह भी है। सुंद्रैल पंचायत की कमान महिला सरपंच बंसतीबाई देसाई के हाथों में है। जिस बखूबी से वे घर चलाती हैं, उतने ही करीने से पंचायत की बागडोर संभाल रखी है। पंचायत के हाथ कभी तंग न हों इसलिए हर गुरुवार को लगने वाले पशु बाजार के विकास पर पूरा ध्यान है।

Also Read :  CM के प्रमुख सचिव पर रिश्वतखोरी के आरोप से मुकरे अभिषेक

वे कहती हैं, हमने इसे इतना बेहतर कर लिया है कि पंचायत को हर माह इससे ही आठ लाख रुपये की आमदनी हो जाती है। सचिव धमेर्ंद्र नरगावे और उपसरपंच रमेश वर्मा कहते हैं कि यहां हर ग्रामीण ईमानदारी से कर अदा करता है तो पंचायत भी उन्हें बतौर प्रोत्साहन मुफ्त पानी मुहैया कराती है। यहां कोई जलकर नहीं है। सहायक सचिव सुरेश वर्मा बताते हैं, स्वच्छ भारत अभियान में भी गांव ने बढ़-चढकर भाग लिया। गांव में कचरा उठाने का वाहन खरीदा गया और कचरापेटी भी लगाई गई। बालिका और बालक हायर सेकंडरी स्कूल में पंचायत ने वॉटर कूलर लगवाए।

पंचायत निधि से करीब 15 लाख की लागत से कूप निर्माण कराया

एक वॉटर कूलर पंचायत भवन के बाहर लगाया। नर्मदा पाइप लाइन में इरिगेशन लाइन थी, इसमें मटमैला पानी आता था। पंचायत निधि से करीब 15 लाख की लागत से कूप निर्माण कराया। पेयजल वितरण में पहले 10 घंटे बिजली मिलने से परेशानी होती थी। अब 24 घंटे वाली लाइन पंचायत ने डलवाई है। सरकार की तमाम योजनाएं तो गांव में पहुंच ही रही हैं, लेकिन पंचायत ने खुद भी कई नए प्रयोग शुरू किए हैं। जैसे बच्चों के लिए दूध-केला बांटना।

15 अगस्त और 26 जनवरी को पंचायत मुख्य स्थल पर कार्यक्रम आयोजित कर गांव के सभी स्कूलों के पहली से 12वीं तक के प्रथम स्थान पर रहे बच्चों को सम्मानित करती है। गांव के जिन वाडोर्ं में कंक्रीट की सड़कें नहीं हैं, वहां पैवर्स लगाए जा रहे हैं। 30 लाख की लागत से पशु बाजार व बस स्टैंड पर दो सुविधाघर बनाए हैं। 75 लाख की लागत से 50 प्रधानमंत्री आवास बने हैं, 34 का कार्य प्रगति पर है। शौचालय के लिए 400 स्थान प्रस्तावित हैं। इसमें से 14 लाख 40 हजार की लागत से 120 शौचालय बन चुके हैं। 250 शौचालयों की सूची जनपद पंचायत में है। चार मांगलिक भवन भी गांव में बने हैं।

दैनिक जागरण

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More