समाज पर अपने विचार थोपना गलत : राष्ट्रपति कोविंद

राष्ट्रपति ने कहा कि समाज में कभी-कभी इस प्रकार की विकृतियां पैदा होती हैं कि जबरदस्ती अपने विचार को थोपने की बात सामने आती है

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि समाज पर जबरदस्ती अपने विचारों को थोपना एक प्रकार की विकृति है जबकि भ्रातृत्व भाव पूरे देश को एक सूत्र में जोड़ता है।

शनिवार को राष्ट्रपति कोविंद ने झारखंड स्थि​त गुमला के बिशुनपुर गांव में यहां पद्मश्री से सम्मानित अशोक भगत की संस्था विकास भारती में आदिवासी समुदाय के लोगों को संबोधित किया।

राष्ट्रपति ने कहा, ‘समाज में कभी-कभी इस प्रकार की विकृतियां पैदा होती हैं कि जबरदस्ती अपने विचार को थोपने की बात सामने आती है। अपनी बात को गलत समझते हुए भी यह कहना कि यही सही है और अपनी ही बात को सही मानना उचित नहीं है।’

उन्होंने कहा, ‘गांधी जी कहा करते थे कि यदि आपको मेरी बात सही लगती है तो उस बात को अपना लीजिए और फिर यह कहिए कि यह मैंने कही है, यह मत कहिए कि यह गांधी जी ने कहा है क्योंकि वह बात आपकी हो गयी। वह आपके आचरण में आ गया। यदि इस प्रकार हमारा समाज आगे बढ़ेगा तो ही उचित होगा।’ उन्होंने कहा कि भ्रातृत्व भाव ही पूरे देश को जोड़ता है।

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