दिल्ली में राष्ट्रपति शासन की तैयारी, बर्खास्त हो सकती है केजरीवाल सरकार?…
राष्ट्रपति ने पत्र पर संज्ञान लेते हुए पत्र को गृह मंत्रालय
देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अचानक से खबर उठ रही है कि केंद्र सरकार जल्द ही दिल्ली जेल में बंद केजरीवाल और उनकी सरकार को बर्खास्त कर सकती है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो केंद्र सरकार दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की तैयारी कर रही है. इसका संकेत एक पत्र से मिला है, जिसे राष्ट्रपति ने गृह मंत्रालय भेज दिया है.
राष्ट्रपति ने लिया एक्शन…
बता दें कि इससे पहले दिल्ली भाजपा के विधायकों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर केजरीवाल और उनकी सरकार को बर्खास्त करने मांग की थी. इस सबंध में दिल्ली बीजेपी विधायकों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन सौंपा था. अब खबर आ रही है कि राष्ट्रपति ने इस पर संज्ञान लेते हुए मांग पत्र को गृह मंत्रालय में भेज दिया है.सवाल यह उठता है कि बीजेपी को इतनी जल्दी क्यों मची हुई है.
गृह मंत्रालय करेगा विचार
गौरतलब है कि, राष्ट्रपति के पत्र के बाद अब सियासी भूचाल आ गया है. इस पत्र में विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है. पत्र में शराब नीति से लेकर जल बोर्ड में वित्तीय समस्या समेत कई मुद्दों की बात की है. अब देखना होगा कि गृह मंत्रालय इस पर क्या जवाब देता है? अगर गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति शासन के लिए हामी भरी तो मुमकिन है कि दिल्ली में प्रेसिडेंट रूल लगा दिया जाएगा.
भाजपा ने हार की स्वीकार- AAP
बता दें कि दिल्ली में अगले साल जनवरी में चुनाव होना है. राष्ट्रपति शासन की मांग को लेकर आप ने कहा कि भाजपा ने पहले ही हार स्वीकार कर ली है. आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि हम चुनाव के लिए तैयार है. भाजपा में हिम्मत है तो चुनाव की घोषणा करे. भाजपा को दिल्ली की जमीनी हकीकत का पता चल चुका है, ऐसे में वह ऐसे हथकंडे अपनाकर चुनाव को टालने की कोशिश कर रही है.
केजरीवाल को मिल जाएगा लाभ..
गौरतलब है कि वरिष्ठ पत्रकार अरविन्द राजतिलक का कहना है कि यदि भाजपा दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगा देती है तो केजरीवाल को सहानुभूति मिल जाएगी और आगामी चुनाव में भाजपा को बड़ा घाटा उठाना पड़ सकता है और आम आदमी पार्टी को सहानुभूति में वोट मिल जाएंगे. दिल्ली और पंजाब में वोटिंग के एक दिन पहले तक केजरीवाल अपने समर्थकों से अपील करते रहे कि उन्हें जेल से बाहर निकालना है तो आम आदमी पार्टी को वोट करें.
दिल्ली की राजनीति अलग…
वरिष्ठ पत्रकार ने कहा कि दूसरे राज्यों से दिल्ली के राजनीति अलग है. दिल्ली हमेशा से विधानसभा और लोकसभा में दोहरे तरीके से वोट करती रही है. 2019 के लोकसभा चुनावों में भी आम आदमी पार्टी साफ हो गई थी. पर 2020 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी का पत्ता साफ कर दिया था. वहीं, इस बार भी भाजपा ने AAP को सफाया किया है, जबकि विधानसभा में इसका विपरीत नजारा देखने को मिलेगा.दरअसल आम आदमी पार्टी बर्खास्तगी के बाद यह स्टैबलिश करने में सफल हो सकती है कि केंद्र सरकार का एक मात्र उद्दैश्य सरकार को बर्खास्त करना ही था.
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केजरीवाल की बर्खास्तगी पड़ेगा उल्टा दांव…
कहा जा रहा कि दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाना और केजरीवाल की बर्खास्तगी बीजेपी लिए उलटी पड़ सकती है. दिल्ली में सीधे- सीधे आप और भाजपा के बीच टक्कर है. इतना ही नहीं दिल्ली में बहुत सारे लोग केजरीवाल सरकार से खुश है तो बहुत सारे लोग नाराज है. लेकिन वोट से समय सवाल पूंछ जा सकता है कि आप ने केजरीवाल को बर्खास्त क्यों नहीं किया.
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बर्खास्ती का नहीं पड़ता प्रभाव…
बता दें कि देश की राजनीति में बर्खास्ती का कोई खासा प्रभाव नहीं पड़ता है क्यूंकि 1992 में हुए बाबरी विध्वंश के बाद उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में चुनाव हुए, लेकिन भाजपा की लोकप्रीत्या के बावजूद तीनों राज्यों में भाजपा चुनाव हार गई.