कोरोना से डरो नहीं, बस सावधानी बरतो

वैक्सीन को बाजार तक पहुंचने में 5 से 15 साल

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बीजिंग : सावधानी Precaution बरतकर कोरोना से बचा जा सकता है। कोविड-19 से बचाव के लिए दुनियाभर में लगभाग 100 वैक्सीन पर काम चल रहा है। लेकिन वैक्सीन कब तक आएगा, कुछ नहीं कहा जा सकता। डेंगू और मलेरिया के वैक्सीन के लिए पिछले कई सालों से प्रयास जारी है। इसलिए Precaution हर हाल में जरूरी है।

5 से 15 साल

अभी तक का सबसे जल्दी तैयार किया गया वैक्सीन 4 साल में बना है। ज्यादातर वैक्सीन को बाजार तक पहुंचने में 5 से 15 साल का वक्त लग जाता है। ऐसे में कोरोना वैक्सीन के जल्दी से आने की उम्मीद करना बेमानी होगी। कोरोना वैक्सीन के आने तक हाथ पर हाथ धरे बैठा भी नहीं जा सकता है। Precaution ही एकमात्र उपाय है।

सही तरीका अपनाना होगा

हमें वायरस से लड़ने का सही तरीका अपनाना होगा। उसके लिए हमें नियमित रूप से मास्क लगाएं, नियमित रूप से सैनिटाइजर-साबुन से हाथ साफ करें, जरूरी होने पर ही घर से बाहर निकले, भीड़भाड़ वाली जगहों में जाने से बचें, सोशल दूरी आदि Precaution अपनाएं। हमें ये सब करना होगा और ऐसा लॉकडाउन हटने के 6-7 महीने बाद या इससे अधिक समय तक भी Precaution में रहना होगा। यह एक तरह की तपस्या है, जो हम सभी को करनी है।

संक्रमण फैलने पर असर घटने लगता है

दरअसल, कोविड-19 एक आरएनए वायरस है। ये जल्दी से म्यूटेट यानी रूप बदल लेता है। आमतौर पर देखा गया है कि शुरू में ये अधिक गंभीर लक्षण देता है। लेकिन जैसे-जैसे संक्रमण फैलने लगता है, इसका असर घटने लगता है। इसमें फैलने की ताकत तो बढ़ती है लेकिन लोगों की जान का जोखिम कम हो जाता है। इस तरह के वायरस की गंभीरता धीरे-धीरे घटती है, लेकिन फैलाव अधिक होता है।

अगर हम देखें तो सार्स और स्पेनिश फ्लू का खतरा अधिक था। उसमें मृत्युदर भी अधिक थी, क्योंकि उनके लक्षण फैलने के पहले ही दिख जाते थे। उनकी तुलना में कोविड-19 कम गंभीर वायरस है। इसके कई मरीजों में पता नहीं होता कि वे संक्रमित भी है। उनसे भी दूसरों में यह फैल सकता है। यही वजह है कि कोरोनावायरस तेजी से फैल रहा है।

म्यूटेट होते ही फैलने की क्षमता खत्म

वायरस का असर तीन तरीकों से कम होता है। पहला, वायरस इतना म्यूटेट हो जाए जिससे उसकी फैलने की क्षमता खत्म हो जाए। दूसरा, वैक्सीन आ जाए जिससे वायरस के फैलाव को रोका जा सके। और तीसरा, वातावरण में ऐसे बदलाव हो जाए ताकि यह फैले ही नहीं। अगर ये तीनों नहीं होते तो वायरस धीरे-धीरे फैलता रहेगा। 60-70 प्रतिशत आबादी में फैलने पर हर्ड इम्युनिटी विकसित होती है। तब भी असर घटने लगेगा पर इसमें काफी समय लगेगा। ऐसे में Precaution ही एकमात्र उपाय है।

आदतों में बदलाव जरूरी

हमें लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी अपनी आदतों में बदलाव लाकर कोरोना से लड़ा और बचा जा सकता है। जैसे हर छोटी चीज के लिए बाजार न जाएं, एक बार में ही ज्यादा चीजें खरीद लें, भीडभाड़ वाली जगहों से जाने से बचें, बिना मास्क के बाहर न निकलें, बाहर से घर आने पर कपड़े धो लें, जो काम ऑनलाइन हो सकते हैं उसे ऑनलाइन कर लें। खानपान में साफ-सफाई का विशेष ध्यान दें। अभी शुरू के कुछ दिन पब्लिक ट्रांसपोर्ट के इस्तेमाल में सावधानी बरतें।

खैर, हमें कोरोना से उतना बेवजह डरने की जरुरत नहीं है, केवल Precaution बरतने की आवश्यकता है। कोरोना से ग्रस्त काफी मरीज स्वस्थ भी हो रहे हैं।

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