RSS से प्रणब की मुलाकात पर बरसे ओवैसी, कांग्रेस से कोई उम्मीद नहीं

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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बुलावे पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के नागपुर हेडक्वार्टर जाने पर राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के कई नेताओं की नाराजगी के बाद अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी मुखर्जी और कांग्रेस की कड़ी आलोचना की है।

अपनी जिंदगी के 50 साल कांग्रेस पार्टी में गुजारे

उन्होंने कहा कि सारी जिंदगी कांग्रेस में रहने के बाद प्रणब मुखर्जी RSS के दर पर माथा टेक आए, अब कांग्रेस से कोई उम्मीद नहीं रह गई है। हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने कहा, ‘कांग्रेस अब खत्म हो चुकी है। एक शख्स, जिसने अपनी जिंदगी के 50 साल कांग्रेस पार्टी में गुजारे। जो हिंदुस्तान का राष्ट्रपति रहा। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के हेडक्वॉर्टर में जाकर अपना माथा टेक आया। क्या आपको अभी भी इस पार्टी से उम्मीदें हैं? अरे अब तो अपनी आंखें खोल लो।

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गौरतलब है कि दिग्गज कांग्रेसी नेता रहे प्रणव मुखर्जी को आरएसएस की तीखी आलोचना करते रहे थे, लेकिन अचानक उनके नागपुर इवेंट का न्योता स्वीकार करने के फैसले ने के बाद कांग्रेस कई नेताओं ने उनसे इस कार्यक्रम में नहीं जाने का आग्रह किया था। कांग्रेस और दूसरे विपक्षी नेताओं ने ही नहीं बल्कि पूर्व राष्ट्रपति की बेटी ने भी उन्हें संघ के कार्यक्रम में न जाने की नसीहत दी थी। हालांकि मुखर्जी के संबोधन के बाद कांग्रेस ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति का संबोधन RSS को सीख थी।

मोदी सरकार को भी राजधर्म सिखाया है

कांग्रेस ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी ने संघ को सच का आईना दिखाया है और मोदी सरकार को भी राजधर्म सिखाया है। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रणब मुखर्जी ने बहुलतावाद, सहिष्णुता और बहुसंस्कृति की बात कही, पर क्या संघ सुनने के लिए तैयार है? कांग्रेस के भीतर के एक नेता ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी इस घटनाक्रम पर शांत रहे क्योंकि वह संबोधन से पहले कुछ भी बोलना नहीं चाहते थे।

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