उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 70 वर्षीय बुजुर्ग अपनी बहू से करवाचौथ के दिन लड़ रहा था। जिसपर बहू ने पुलिस को बुला लिया। बहू से लड़ाई कर रहे बुजुर्ग को बंथरा थाने के सिपाहियों ने तमाचा जड़ दिया और फिर न झगड़ने की हिदायत देकर लौट गए। अगली सुबह बुजुर्ग की स्वास्थ्य खराब हो गई और उसकी मौत हो गयी। जिसके बाद परिजनों आरोप लगाया कि पुलिस की पिटाई से बुजुर्ग की मौत हुई है।
बहू के शिकायत पर गई थी पुलिस:
मिली जानकारी के मुताबिक लखनऊ के खंडदेव में 70 वर्षीय रामचंद्र रावत अपनी छोटी बहू से करवाचौथ के दिन लड़ रहे थे। नशे में धुत होकर लड़ाई कर रहे बुजुर्ग अपनी बहू के साथ गाली गलौज भी कर रहे थे। मामला बढ़ते देख बहू ने पुलिस को बुला लिया। रात करीब 1 बजे पुलिस के पहुंचने पर बुजुर्ग पुलिस से भी भीड़ गया और अपशब्द कहने लगा। इसी बीच एक सिपाही ने उन्हें तमाचा मार दिया। पुलिसकर्मियों ने रामचंद्र को हिदायत दी और बहू से कहा कि कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर लें। बहू के अनुसार सिपाहियों के कहने पर वह अंदर चली गई।
वहीं, पुलिस के जाने के बाद रामचंद्र दोबारा से बैठ कर शराब पीते हुए शोर-शराबा कर रहे थे। बहू अगली सुबह चाय लेकर आई तो देखा कि बुजुर्ग बेसुध पड़ा है। परिवार वाले बुजुर्ग को अस्पताल लेकर गए जहां 24 घन्टे के इलाज के बाद उसकी मौत की पुष्टि हुई। जानकारी के मुताबिक इस दौरान बुजुर्ग कुछ बोलने की स्थिति में नहीं था।
इंस्पेक्टर ने की आर्थिक मदद:
इस मामले में घरवालों ने पुलिस की पिटाई से रामचन्द्र की मौत होने का आरोप लगाया है और हंगामा किया। हालांकि बुजुर्ग के शरीर पर चोट के निशान नहीं मिले है। इस प्रकरण पर पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। परिजनों के पास अंतिम संस्कार के लिए पैसे नहीं होने पर बंथरा इंस्पेक्टर ने रामचन्द्र के अंतिम संस्कार के लिये परिवार को पांच हजार रुपये की आर्थिक मदद दी।
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