Police बनी मददगार: घर में अकेले पड़े बीमार बुजुर्ग को पहुंचाया वृद्धाश्रम

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लखनऊ: जानकीपुरम में कई दिनों से घर मे कैद भूखे-प्यासे बीमार बुजुर्ग को पुलिस Police ने सकुशल वृद्धाश्रम में दाखिल करवाया हैं। जानकारी के अनुसार दो दिन से मेड नहीं आई थी। इंस्पेक्टर जानकीपुरम तेज प्रकाश सिंह ने बताया कि सेक्टर आई जानकीपुरम निवासी अविवाहित जीके मुखर्जी बैंक मैनेजर के पद से रिटायर्ड हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक वह अकेले ही घर पर रहते थे। वह इन दिनों काफी बीमार हैं।

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मंगलवार को वह किसी तरह से प्रथम तल से घिसटते हुए मेन गेट तक आ गए थे। गेट में अंदर से ताला लगा होने के कारण पड़ोस में रहने वाले डॉ. सजल मिश्रा ने इसकी सूचना पुलिस Police को दी। इंस्पेक्टर के मुताबिक बाउंड्रीवॉल फांद कर अंदर घुसे पुलिसकर्मियों ने ताला तोड़कर बुजुर्ग को बाहर निकाला। वह बोलने में असमर्थ थे। इसके बाद उन्हें थाने लाकर जूस पिलाया गया। स्थित में सुधार होने पर उन्होंने बताया कि वह पांच दिनों से भूखे प्यासे थे। इसके कारण वह चलने फिरने में लाचार हो गए थे। इंस्पेक्टर के मुताबिक बुजुर्ग के पास से करीब साढ़े पांच हजार रुपये भी मिले हैं। इसके बाद उन्हें सरोजनीनगर स्थित वृद्धाश्रम भिजवा दिया गया।

वहीं मंगलवार को लखनऊ Police ने एयरपोर्ट एवं रेलवे स्टेशन पर फंसे लगभग 250 लोगों को पुलिस वाहन व सरकारी बस की मदद से उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया।

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मदद के लिए डायल किया 112, तुरंत पहुंची पुलिस
हुसैनगंज से बड़ी बहन का इलाज करवाने इंदिरानगर आई आइशा सोमवार शाम सवारी न मिलने से परेशान थी। काफी प्रयास के बाद भी न उबर बुक हुई न ओला। बड़ी बहन का हाल बेहाल होते देख आयशा ने डायल 112 पर कॉल कर मदद मांगी। सूचना मिलते ही चंद मिनटों में यूपी 112 की पीआरवी 501 मौके पर पहुंची और ऑटो चालक को घर से बुलाकर दोनों बहनों को घर पहुंचवाया। पुलिस Police के इतने अच्छे व्यवहार को देखकर दोनों बहने यूपी 112 की तारीफ करने से खुद को रोक ही नहीं पाई।

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पहली बार डायल किया था 112
हुसैनगंज निवासी आइशा ने बताया कि उनकी बड़ी बहन जीनत का पिछले कुछ दिनों से बीमार है। सोमवार सुबह वह ओला से जीनत को इंदिरानगर के बी ब्लॉक स्थित एक निजी अस्पताल ले गईं, जहां जांचें होने में शाम हो गई। शाम करीब 4 बजे वह अस्पताल से निकली और सवारी का इंतजार करने के लिए सड़क पर खड़ी हो गईं। काफी देर इंतजार के बाद न सवारी मिली और न कैब बुक हो सकी। बहन का तबीयत बिगड़ती देख उन्होंने पहली बार यूपी 112 डायल किया। सूचना पर पहुंची पीआरवी पर तैनात सब कमांडर मुक्तेश्वर सिंह, सब कमांडर कृष्ण कुमार, चालक विरेंद्र दीक्षित और महिला कॉन्स्टेबल अर्चना मौके पर पहुंची। इसके बाद महिला कॉन्स्टेबल दोनों बहनों के पास रुक गई और बाकी के पुलिसकर्मी गाजीपुर गांव पहुंचे। जहां पर खड़े एक ऑटो के चालक से संपर्क किया। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने ऑटो चालक को अपना नंबर दिया और रास्ते में दिक्कत होने पर बात करने की सलाह दी। आइशा ने पुलिस का आभार जताते हुए बताया कि कुछ देर बाद दोबारा पुलिसकर्मियों ने फोन किया और घर पहुंचने के बारे में पूछा।

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