बालिका गृह की बच्चियों की दास्तां सुनकर कांप गए अधिकारी

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बिहार के मुजफ्फरपुर के बालिका गृह में बच्चियों से रेप के मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी भी बच्चियों की कहानी सुनकर कांप जा रहे हैं। इस मामले की तह तक पहुंचने वाली पुलिस अधिकारी ज्योति कुमारी हैरान हैं कि कोई कैसे इतना दरिंदा हो सकता है? ज्योति ने एनबीटी से बातचीत करते हुए कहा, ‘बहुत बुरा अनुभव है।

सीनियर ने उन्हें निर्भीक जांच में पूरी तरह मदद की

लड़कियों से बातचीत करते हुए लग रहा है कि कोई इतना हैवान कैसे हो सकता है? ऐसे केस मैंने बहुत कम देखे हैं।’ क्या इस मामले में उनपर केस को प्रभावित करने का दबाव भी आया? इस सवाल के जवाब में ज्योति कुमारी ने कहा कि उनके सीनियर ने उन्हें निर्भीक जांच में पूरी तरह मदद की।

पुलिस ने 44 लड़कियों के बयान रेकॉर्ड किए थे

इस बीच, मुजफ्फरपुर मामले पर आज बिहार में वामपंथी दलों ने बंद बुलाया है। बंद को आरजेडी और कांग्रेस ने भी अपना समर्थन दिया है। लेफ्ट पार्टियां बालिका गृह मामले में सीएम नीतीश कुमार से इस्तीफा की मांग कर रहे हैं। मालूम हो कि पुलिस ने 44 लड़कियों के बयान रेकॉर्ड किए थे।

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वहीं सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने 2010 से लेकर 2018 के बीच ब्रजेश ठाकुर के एनजीओ और अखबार को मिले फंड की डीटेल राज्य सरकार से मांगी है। सूत्रों के अनुसार इसकी डीटेल आने के बाद सीबीआई उन अधिकारियों से भी पूछताछ कर सकती है जिन्होंने इस फंड को देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके अलावा बिहार सरकार ने ब्रजेश के मान्यता प्राप्त पत्रकार होने की सारी सुविधाएं खत्म कर दी हैं।

राज्यपाल ने लिखा नीतीश को पत्र

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में बच्चियों से दरिंदगी के मामले में सीबीआई ने जांच शुरू कर दी है। इस मामले को लेकर सूबे में सियासत गर्म है। संसद तक इसकी गूंज सुनाई दे रही है। उधर, अब इस मामले में राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने भी अपनी चिंता जताई है। राज्यपाल ने मुख्यमंत्री, चीफ जस्टिस और केंद्रीय कानून मंत्री को लिखे पत्र में प्रदेश में संचालित सभी आश्रय गृहों की निगरानी का सुझाव दिया है।

34 बच्चियों से हैवानियत

अभी तक की मेडिकल जांच में कम से कम 34 बच्चों के साथ रेप की पुष्टि हुई है। कुछ पीड़ितों ने कोर्ट को बताया कि उन्हें नशीले पदार्थ दिए जाते थे और मारा-पीटा जाता था। उसके बाद रेप किया जाता था। कइयों को पेट में दर्द की शिकायत बनी रहती थी। कुछ लड़कियां खुद को सुबह उठकर निर्वस्र पाती थीं। एक नाबालिग बच्ची ने पुलिस को बताया कि उसे रात को खाने के बाद सफेद और गुलाबी गोलियां दी जाती थीं जिसे खाकर वह सो जाती थी।साभार

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