MV Ganga Vilas क्रूज के मैनेजर ने बताई खास बातें, देखें दुनिया के सबसे लंबे जहाज की शानदार Photos
महादेव की नगरी और अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पीएम नरेंद्र मोदी शुक्रवार (13 जनवरी, 2023) को दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज एमवी गंगा विलास को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. फ़िलहाल एमवी गंगा विलास क्रूज बनारस पहुंच चुका है. नदी पर चलने वाला एमवी गंगा विलास क्रूज काशी की मशहूर गंगा आरती के साथ अपने पहले सफर पर रवाना होगा. ये क्रूज बनारस से लेकर डिब्रूगढ़ तक 3200 किमी की लंबी यात्रा तय करेगा. बता दें इस क्रूज को वर्ष 2020 में लॉन्च किया जाना था, लेकिन कोरोना महामारी के चलते इसमें देरी हो गई. फोटोज में देखिये कि ये क्रूज अंदर से कितना आलीशान बना हुआ है.
Varanasi, Uttar Pradesh | The Ganga Vilas luxury cruise, which left Kolkata on December 22, reached Ramnagar Port in Varanasi.
Prime Minister Narendra Modi will virtually flag off the MV Ganga Vilas Cruise Yatra on January 13. pic.twitter.com/vKRLAi5tML
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 11, 2023
एमवी गंगा विलास क्रूज के मैनेजर ने साझा की जानकारी…
एमवी गंगा विलास क्रूज के मैनेजर राज सिंह ने इसके बारे में खास और अलग बातें बताई हैं. उन्होंने बताया कि गंगा विलास का जो कांसेप्ट है, उसे डॉक्टर अन्नपूर्णा गैरिमेला ने दिया है. वो आर्ट हिस्टोरियन हैं. उनका कांसेप्ट है कि हर चीज हाथ कि बनी होनी चाहिए और हमारे हिंदुस्तान में जो अलग कलर हैं, उनका कैसे कॉम्बिनेशन होना चाहिए. तो ये बहुत यूनिक है कि इस तरह का सतरंगा, कलरफुल, इंद्रधनुषी जहाज को जब भीतर से देखते हो तो आप खुश हो जाते हो. ये मैं आपको कह सकता हूं कि ऐसा जहाज दुनिया में कही नहीं है. ये केवल हिंदुस्तान में ही है और हमारी संस्कृति है. डॉक्टर अन्नपूर्णा द्वारा इस्तेमाल किया गया ये कांसेप्ट बहुत यूनिक है.
मैनेजर राज सिंह ने बताया कि अन्नपूर्णा पीएचडी हैं, उन्होंने हम्पी जैसी जगह पर रिसर्च किया है. उन्होंने बहुत सी किताबें पढ़ीं और लिखी हैं तो उससे उनको ये सब आईडियाज आते हैं और उनकी सोच इंडिपेंडेंट है. क्रूज के रेस्टोरेंट में सर्व होने वाली कुजींस के बारे में उन्होंने बताया कि लोकल कुजींस को हम बेहतर प्रिफरेंस दे रहे हैं. लोकल कुजींस को हम मोडिफाई कर रहे हैं जिसमें स्पाइसी थोड़ा कम हो और यहां की जो फ्रेश लोकल सब्जियां और सीजन के फ्रूट्स हैं उनको लेकर हम कुजींस बना रहे हैं. इसका जो कुजीन बनता है वो ताजा बनता है. हम स्टोरेज वाली चीजों का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं.
मैनेजर राज सिंह ने बताया कि रेस्टोरेंट के मेन्यू को हमने यहां की सब्जियों और फलों के हिसाब से मोडिफाई किया है और उसको ही हम रेस्टोरेंट में दे रहे हैं. अपने मेहमानों के लिए हम प्रिपेयर्ड हैं. हमारे मेहमान बनारस देख रहे हैं, जहाज भी यहीं खड़ा है. कल हम यहां से चल देंगे.
यात्रा को लेकर राज सिंह ने बताया कि हम 27 नदियों को पार करेंगे. हम वे ऑफ बंगाल में नहीं जाएंगे. हम सुंदरबन के लिए जाएंगे. ये जहाज रिवरशिप्स हैं, ये सीक्रूजेज नहीं हैं तो ये इंग्लैंड वॉटर में रहते हैं, ये समुद्र में नहीं जा सकते हैं. इनका जो ग्राफ है वो 1.4 मीटर पानी के लिए है. इस तरह से ये फ्लैट होते हैं तो टेक्निकली ये चीजें करनी पड़ती हैं. समुद्र में पानी की कमी नहीं है और वहां के जहाज दूसरी तरह के होते हैं.
जहाज को लेकर मैनेजर राज सिंह ने बताया कि हमने इसे बनवाया है. हमारे खुद के टेक्निकल डायरेक्टर्स हैं, जिन्होंने अन्नपूर्णा कांसेप्ट को शुरू किया है. ये जहाज मेड इन इंडिया है और कोलकाता में बनाया है.
— Journalist Cafe (@journalist_cafe) January 12, 2023
जानें कौन हैं डॉक्टर अन्नपूर्णा गैरिमेला…
डॉक्टर अन्नपूर्णा गारिमेला एक इंडिपेंडेंट स्कॉलर, डिजाइनर और आर्ट हिस्टोरियन हैं.
अन्नपूर्णा की रिसर्च मध्यकालीन भारतीय वास्तुकला, स्वतंत्रता के बाद भारत में स्थानीय दृश्य व निर्मित संस्कृतियों के इतिहास और प्रथाओं पर केंद्रित है.
अन्नपूर्णा द कंटेम्परेरी हिंदू टेम्पल: फ्रैगमेंट्स फॉर ए हिस्ट्री (2019) की सह-संपादक हैं और द लॉन्ग आर्क ऑफ साउथ एशियन आर्ट: ए रीडर इन ऑनर ऑफ विद्या देहजिया (नई दिल्ली: वीमेन अनलिमिटेड, 2021) की संपादक हैं.
डाइजेस्टिंग द पास्ट: द डिस्कोर्स ऑफ़ सैक्रेलाइज़्ड आर्किटेक्चरल रेनोवेशन इन सदर्न इंडिया (14वीं-17वीं शताब्दी) उनकी पुस्तक की हस्तलिपि तैयार की जा रही है.
गैरिमेला कला, संसाधन और शिक्षण ट्रस्ट की प्रबंध न्यासी हैं, वह कटफ्रूट रिसर्च एंड डिज़ाइन की प्रमुख भी हैं, जो डिजाइन, अनुसंधान और क्यूरेशन के एक विशेष पोर्टफोलियो वाली संस्था है.
जैकफ्रूट की हालिया क्यूरेटोरियल परियोजनाओं में समकालीन (देवी आर्ट फाउंडेशन, नई दिल्ली 2010-11) में वर्नाक्यूलर, म्यूटेबल: 1947 से भारत में सिरेमिक और क्ले आर्ट (पिरामल म्यूज़ियम ऑफ आर्ट, 2017), और गोवा में बेयरफ़ुट कॉलेज ऑफ़ क्राफ्ट (सेरेन्डिपिटी) कला महोत्सव, 2017-18) शामिल हैं.
जानें एमवी गंगा विलास क्रूज और यात्रा के बारे में…
– वाराणसी से शुरू अपनी यात्रा के दौरान एमवी गंगा विलास क्रूज 50 धार्मिक स्थलों और 27 अलग-अलग नदी प्रणालियों से होकर गुजरेगा. इनमें गंगा-भागीरथी-हुगली, ब्रह्मपुत्र और वेस्ट कोस्ट नहर भी शामिल हैं.
– एमवी गंगा विलास क्रूज में 18 कमरे हैं. इसमें 36 लोग आराम से यात्रा कर सकते हैं. इन 36 यात्रियों के साथ क्रूज के क्रू मेंबर भी शामिल होंगें.
– एमवी गंगा विलास क्रूज में एसटीपी का प्लांट भी लगाया गया है. जिसकी वजह से गंगा नदी में प्रदूषण भी नहीं होगा.
MV Ganga Vilas Cruise Manager Raj Singh
– एमवी गंगा विलास क्रूज में 40,000 लीटर का तेल का टैंक भी लगाया गया है. जिससे इसमें एक महीनें से भी ज्यादा वक्त तक तेल की कमी नहीं होगी.
– एमवी गंगा विलास क्रूज में यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर जिम, स्पा और पुस्तकालय की भी व्यवस्था की गई है. साथ ही, क्रूज में रूफटॉप की भी व्यवस्था है, जिसमें यात्री सन बाथ भी ले सकें.
– एमवी गंगा विलास क्रूज विश्व धरोहर स्थलों, राष्ट्रीय उद्यानों, नदी घाटों और बिहार में पटना, झारखंड में साहिबगंज, पश्चिम बंगाल में कोलकाता, ढाका से गुवाहाटी फिर कांजीरंगा होते हुए डिब्रूगढ़ पहुंचेगा.
– एमवी गंगा विलास क्रूज लगभग दो महीनों का सफर तय करेगा. यह पिछले महीने कोलकाता से रवाना होकर यूपी के वाराणसी में रामनगर पोर्ट पर पहुंच चुका है.
– अब एमवी गंगा विलास क्रूज वाराणसी से अपनी यात्रा की शुरुआत करेगा और 51 दिनों में असम के डिब्रूगढ़ पहुंचेगा. एमवी गंगा विलास की पहली यात्रा में स्विट्जरलैंड के 32 पर्यटक वाराणसी से डिब्रूगढ़ की यात्रा का आनंद ले सकेंगे.
जानें टिकट की कीमत…
केंद्रीय बंदरगाह, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने एमवी गंगा विलास क्रूज के टिकट की कीमत को लेकर जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज पर प्रतिदिन 24,692.25 रुपये या 300 डॉलर का खर्च होगा. इंडियन और विदेशियों के लिए टिकट की कीमत में कोई अंतर नहीं होगा. पूरे 51 दिनों की यात्रा पर आपको 12.59 लाख रुपये या 1,53,000 डॉलर से अधिक खर्च होंगे.