‘मन की बात’ 2: पीएम मोदी ने कहा- ‘एक कमी महसूस कर रहा था’
प्रचंड बहुमत के साथ दोबारा सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहले ‘मन की बात’ कार्यक्रम प्रसारित हुआ। अपने दूसरे कार्यकाल के पहले ‘मन की बात’ कार्यक्रम में पीएम मोदी ने देश-विदेश के लोगों के साथ अपने विचार साझा किये।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘मन की बात कार्यक्रम में जीवन्तता थी, अपनापन था, मन का लगाव था, दिलों का जुड़ाव था, और इसके कारण, बीच का जो समय गया, वो समय बहुत कठिन लगा मुझे।’
उन्होंने कहा, ‘जब मैं ‘मन की बात’ करता हूँ तब, बोलता भले मैं हूँ, शब्द शायद मेरे हैं, आवाज़ मेरी है, लेकिन, कथा आपकी है, पुरुषार्थ आपका है, पराक्रम आपका है।’
आपातकाल का किया ज़िक्र-
पीएम मोदी ने मन की बात करते हुए आपातकाल के समय का ज़िक्र किया। उन्होंने कहा कि जब देश में आपातकाल लगाया गया, तब उसका विरोध सिर्फ राजनीतिक दायरे तक सीमित नहीं था।
उन्दिहोंने कहा कि दिन-रात जब समय पर खाना खाते हैं तब भूख क्या होती है, इसका पता नहीं होता है, वैसे ही सामान्य जीवन में लोकतंत्र के अधिकार का मजा क्या है वो तब पता चलता है जब कोई लोकतांत्रिक अधिकारों को छीन ले।
लोकसभा चुनाव 2019 की दी बधाई-
पीएम मोदी ने कहा कि भारत में 2019 के लोकसभा चुनाव में 61 करोड़ से ज्यादा लोगों ने वोट दिया। यह संख्या हमें बहुत ही सामान्य लग सकती है, लेकिन अगर दुनिया के हिसाब से देखें और चीन को छोड़ दिया जाए तो भारत में दुनिया के किसी भी देश की आबादी से ज्यादा लोगों ने मतदान किया है।
इस चुनाव में महिलाओं और पुरुषों का मतदान % करीब-करीब बराबर था. इसी से जुड़ा एक तथ्य यह है कि आज संसद में रिकॉर्ड 78 महिला सांसद हैं। मैं चुनाव आयोग को,और चुनाव प्रक्रिया से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति को, बहुत-बहुत बधाई देता हूँ।
प्रेमचंद्र की किताबों का किया ज़िक्र-
पीएम कहते हैं, ‘मुझे हाल ही में किसी ने ‘प्रेमचंद की लोकप्रिय कहानियाँ’ नाम की पुस्तक दी। प्रवास के दौरान मुझे उनकी कुछ कहानियाँ फिर से पढ़ने का मौका मिल गया। प्रेमचंद ने अपनी कहानियों में समाज का जो यथार्थ चित्रण किया है, पढ़ते समय उसकी छवि आपके मन में बनने लगती है।’
आगे कहा कि प्रेमचंद की लिखी एक-एक बात जीवंत हो उठती है। प्रधानमंत्री ने प्रेमचंद की तीन कहानियों का ज़िक्र किया जिसने उनके मन को छू लिया, नशा, ईदगाह और पूस की रात।
अक्षरा लाइब्रेरी का भी किया ज़िक्र-
प्रधानमंत्री ने केरल की अक्षरा लाइब्रेरी का भी ज़िक्र किया। उन्होनें बताया की ये लाइब्रेरी इडुक्की के घने जंगलों के बीच बसे एक गाँव में है। यहाँ के प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक पी.के. मुरलीधरन और चाय की दुकान चलाने वाले पी.वी.चिन्नाथम्पी ने लाइब्रेरी के लिए अथक परिश्रम किया।
एक समय ऐसा भी रहा, जब गट्ठर में भरकर और पीठ पर लादकर यहाँ पुस्तकें लाई गई। आज ये लाइब्ररी, आदिवासी बच्चों के साथ हर किसी को एक नई राह दिखा रही है।
पीएम ने उठाया जल संरक्षण का मुद्दा-
पीएम ने कहा, ‘पूरे देश में जल संकट से निपटने का कोई एक फ़ॉर्मूला नहीं हो सकता है। इसके लिए देश के अलग-अलग हिस्सों में, अलग-अलग तरीके से, प्रयास किये जा रहे हैं। लेकिन सबका लक्ष्य एक ही है, और वह है पानी बचाना, जल संरक्षण।’
नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘पानी का हमारी संस्कृति में बहुत बड़ा महत्व है। ऋग्वेद के आपः सुक्तम् में पानी के बारे में कहा गया है।’
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