दूसरे पारी के पहले विदेश दौरे पर पीएम मोदी

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पड़ोसी पहले की नीति पर आगे बढ़ते हुए पीएम मोदी अपने दूसरे कार्यकाल की पहले विदेश दौरे के तहत मालदीव में ​है। 2014 में प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद सबसे पहले पीएम मोदी ने भूटान का दौरा किया था।

नेबर हुड फर्स्ट यानि पड़ोसी पहले और सागर नीति, यानि क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति का अहम हिस्सा है और इसकी एक बानगी है प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूसरे कार्यकाल की पहली विदेश यात्राएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दूसरे कार्यकाल की शुरआत में सबसे पहले पड़ोसी देश मालदीव की यात्रा पर 8 जून को राजधानी माले पहुंचे।

प्रधानमंत्री मालदीव की संसद को संबोधित करेंगे। अपनी मालदीव की यात्रा के दौरान पीएम मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति रिमोर्ट के जरिए तटीय निगरानी तंत्र, मालदीव की सेना के लिए एकीकृत प्रशिक्षण केंद्र का शुभारंभ करेंगे। मालदीव में क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए भारत एक क्रिकेट स्टेडियम का भी निर्माण करेगा।

क्यों अहम का पीएम मोदी की यह यात्रा—

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम समझौते होने की भी उम्मीद है। पीएम मोदी की यात्रा का मकसद साफ है कि भारत अपने पड़ोसियों के साथ मधुर संबंधों को उच्चस्तरीय संपर्क स्थापित करने साथ ही मालदीव के विकास और अर्थव्यवस्था के पुर्नगठन में साझीदार बनना और दोनों देशों के नागरिकों के बीच परस्पर संबंधों को और मजबूत करने को प्राथमिकता देता है।

एशिया के सबसे छोटे देश लेकिन सामरिक दृष्टि से भारत के लिए महत्पूर्ण मालदीव में भारत कौशल विकास, पर्यटन, तकनीक और आधारभूत ढांचे को मज़बूत करने के लिए कई परियोजनाओं में मदद कर रहा है। दोनों देशों के बीच कई दशकों से आर्थिक, व्यापारिक और सामाजिक रिश्ते मज़बूत रहे है। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा कई मायनों में महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि हिन्द महासागर में भारत के हितों की रक्षा के लिए मालदीव ने हमेशा प्रतिबद्धता दिखाई है। हाल ही में पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की मालदीव यात्रा के दौरान भारत ने 80 करोड़ डॉलर की वित्त सहायता मालदीव को दी थी। दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग को बढ़ाने के लिए समय समय पर मंत्री स्तरीय बैठकें भी होती हैं।

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