पीएम मोदी ने तमिल भाषा न सीख पाने को बताया अपनी कमी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपनी एक कमी का खुलासा करते हुए कहा कि वह दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा तमिल को नहीं सीख पाए।
यह ऐसी सुंदर भाषा है, जो दुनिया भर में लोकप्रिय है। प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम में कहा, कुछ दिन पहले हैदराबाद की अपर्णा रेड्डी ने मुझसे एक सवाल पूछा।
उन्होंने कहा कि – आप इतने साल से पीएम हैं, इतने साल सीएम रहे, क्या आपको कभी लगता है कि कुछ कमी रह गई। अपर्णा जी का सवाल जितना सहज है, उतना ही मुश्किल भी।
‘तमिल एक सुदंर भाषा है’-
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, मैंने इस सवाल पर विचार किया और खुद से कहा मेरी एक कमी ये रही कि मैं दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा – तमिल सीखने के लिए बहुत प्रयास नहीं कर पाया, मैं तमिल नहीं सीख पाया। यह एक ऐसी सुंदर भाषा है, जो दुनिया भर में लोकप्रिय है।
पीएम मोदी ने की मन की बात-
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कार्यक्रम मन की बात में माघ महीने और जल की महत्ता पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि दुनिया के हर समाज में नदी के साथ जुड़ी हुई कोई न कोई परंपरा होती ही है। नदी तट पर अनेक सभ्यताएं भी विकसित हुई हैं।
हमारी संस्कृति क्योंकि हजारों वर्ष पुरानी है, इसलिए इसका विस्तार हमारे यहां और ज्यादा मिलता है। भारत में कोई ऐसा दिन नहीं होगा, जब देश के किसी न किसी कोने में पानी से जुड़ा कोई उत्सव न हो।
माघ के दिनों में तो लग अपना घर-परिवार, सुख-सुविधा छोड़कर पूरे महीने नदियों के किनारे कल्पवास करने जाते हैं।
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