अयोध्या में ‘राम मंदिर निर्माण’ से पहले भूमि पूजन की तैयारी पूरी, प्रधानमंत्री का है इतंजार
अयोध्या में भगवान श्री राम की भव्य मंदिर निर्माण का काम शुरू करने से पहले सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
राम मंदिर के गर्भगृह वाली 3 एकड़ भूमि का समतलीकरण कर दिया गया है। इसके अलावा मंदिर निर्माण हेतु एल एंड टी कंपनी को बुलाया गया है। इनके बड़े-बड़े उपकरण और इंजीनियर राम मंदिर निर्माण के लिये अयोध्या पहुंच चुके है। मन्दिर के भूमि पूजन के लिये देश के विभिन्न तीर्थ स्थलों से पवित्र मृतिका और पावन जल मंगवा लिये गये है। साथ ही देश की सभी नदियों और महासागरों से जल मंगवा लिया गया है। मंदिर निर्माण से पहले की सारी तैयारी पूरी हो चुकी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इंतजार
श्री रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के सुत्रों के मुताबिक अब सिर्फ मंदिर निर्माण की प्रक्रिया को शुरू करने से पहले भूमि पूजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समय दिए जाने का इंतजार राम मंदिर ट्रस्ट कर रहा है।
समतलीकरण की प्रक्रिया पूरी
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने मीडिया से कहा, “अभी समतलीकरण की प्रक्रिया पूरी हो गई है। जल्द ही पीएम के द्वारा इसका भूमि पूजन भी किया जाएगा। प्रधानमंत्री के समय देने का इतंजार हो रहा है।”
इस बीच श्री राम जन्मभूमि न्यास समिति ने बयान जारी कर कहा है कि राम मंदिर निर्माण को लेकर जल्द ही समय और काल को देखकर फैसला होगा।
पीएमओ के साथ लगातार संपर्क में हैं न्यास के ट्रस्टी
सूत्रों के मुताबिक, देश भर में जारी कोरोना महामारी और भारत चीन विवाद की वजह से फिलहाल पीएमओं से समय नहीं मिल पा रहा है। न्यास के ट्रस्टी प्रधानमंत्री और पीएमओ के साथ लगातार संपर्क में हैं। ऐसी संभावना है कि एक जुलाई को पीएम मोदी समय दे सकते हैं। लेकिन अभी यह आधिकारिक तौर पर तय नहीं हुआ है।
प्रधानमंत्री के लिये एक और दो जुलाई दोनों दिनों का समय रखा गया है। दोनों दिन देवशयनी एकादशी है। इसके बाद चातुर्मास शुरू हो जाएगा, जो कार्तिक शुक्ल की एकादशी तक चलेगा। हिन्दू मतों के अनुसार चातुर्मास के दौरान विवाह, यज्ञ, देव प्रतिष्ठा या कोई शुभ कार्य निषेध होते हैं। ऐसे में एक जुलाई की तिथि राम मंदिर के भूमिपूजन के लिए सही मानी जा रही है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कार्यक्रम में शिरकत करने का सुझाव
बताया गया है कि ट्रस्ट की ओर से प्रधानमंत्री को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इस कार्यक्रम में शिरकत करने का सुझाव दिया गया है। प्रधानमंत्री की जगह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भूमि पूजन में शिरकत करेंगे।
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