अमेरिका में राष्ट्रगान के दौरान बारिश में भीगते रहें पीएम मोदी, खूब हो रही तारीफ
अमेरिका के राजकीय दौरे पर गए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चौतरफा तारीफें हो रही हैं। दरअसल, पीएम मोदी ने यहां तब वाहवाही बटोर लीं जब राष्ट्रगान के दौरान तेज बारिश हो रही थी। पीएम मोदी जब वाशिंगटन डीसी पहुंचे तो काफी तेज बारिश शुरू हो गई। यहां ज्वाइंट बेस एंड्रयूज हवाई अड्डे पर बारिश और तेज हवाओं के बीच ही पीएम मोदी का औपचारिक स्वागत किया गया। इस दौरान दोनों देशों का राष्ट्रगान भी बजाया गया। जब भारत का राष्ट्रगान बज रहा था, तब पीएम मोदी बारिश में ही ज्यों का त्यों खड़े हो गए। बारिश में भीगकर राष्ट्रगान करने के लिए पीएम मोदी की खूब तारीफ हो रही है।
अमेरिका में मोदी-मोदी की गूंज
बता दें, राजकीय दौरे के दौरान पीएम मोदी ने कई हस्तियों के साथ मुलाकात की। पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उनकी पत्नी जिल बाइडन से भी मुलाकात की। व्हाइट हाउस में मोदी का जोरदार स्वागत किया गया। इससे पहले पीएम मोदी ने टेस्ला के सीईओ एलन मस्क से मुलाकात की थी। इसके बाद पीएम मोदी आज गुरुवार को वाशिंगटन पहुंचे, जहां एयरपोर्ट पर ही उनका औपचारिक स्वागत किया गया। यहां भी पीएम मोदी ने बारिश में भीगकर मोदी-मोदी के नारे लगवा लिए।
राष्ट्रगान में भीगते रहें पीएम मोदी
दरअसल, हवाई अड्डे पर मोदी पहुंचे तो जोरदार बारिश होने लगी। पीएम का औपचारिक स्वागत किया जा रहा था। इस दौरान दोनों देशों के राष्ट्रगान भी बजाए गए। राष्ट्रगान जब बज रहा था, तब जोरदार बारिश हो रही थी। राष्ट्रगान के सम्मान में एयरपोर्ट पर मौजूद सभी लोग सावधान की मुद्रा में खड़े हुए थे। इस दौरान पीएम मोदी भी वही खड़े रहे। बारिश में मोदी भीगते रहें, लेकिन राष्ट्रगान के सम्मान में बिना हिले ही खड़े रहें।
संयुक्त राष्ट्र में योग सत्र का किया नेतृत्व
वहीं, दौरे के दौरान ही 21 जून को मनाए गए अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर पीएम मोदी भी शामिल हुए। पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में योग सत्र का नेतृत्व किया। इस दौरान उन्होंने योग को सही मायने में विश्वव्यापी तथा ‘कॉपीराइट और पेटेंट’ से मुक्त बताया। मोदी ने कहा, ‘मैं आप सब को देखकर खुश हूं। मैं यहां आने के लिए आप सभी का आभार जताता हूं।’ पीएम मोदी ने कहा कि योग भारत से आया है और यह एक बहुत पुरानी परंपरा है। योग किसी भी उम्र की महिला या पुरुष द्वारा और तंदुरुस्ती के किसी भी स्तर पर किया जा सकता है। इसको कहीं भी ले जाया जा सकता है और यह सही मायने में विश्वव्यापी है।
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