PM मोदी ने राष्ट्रपति जो बाइडेन को दिया बेशकीमती हीरा, जानिए क्या है खासियत…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 जून को व्हाइट हाउस पहुंचे थे. जहां पर उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनकी पत्नी जिल बाइडेन से मुलाकात की. दोनों राष्ट्राध्यक्ष बड़ी ही गर्मजोशी से मिलते हुए नजर आए. पीएम मोदी की अगुवानी खुद जो बाइडेन ने की. साथ ही उनकी पत्नी और अमेरिका की फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन ने भी पीएम मोदी का स्वागत किया. इसके अलावा व्हाइट हाउस में विशेष उपहारों का आदान-प्रदान किया गया. पीएम मोदी ने अमेरिका की फर्स्ट लेडी जिल बाइडेन को 7.5 कैरेट का ग्रीन डायमंड भेंट की. जबकि जो बाइडेन को पीएम मोदी ने विशेष चंदन का डिब्बा, भगवान गणेश की मूर्ती, हॉलमार्क चांदी का सिक्का जैसे कई गिफ्ट दिए हैं. जिसमें भारत की संस्कृति दिखाई देती है।
7.5 कैरेट का ग्रीन डायमंड गिफ्ट किया…
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की फर्स्ट लेडी डॉ. जिल बाइडेन को लैब में तैयार किया 7.5 कैरेट का ग्रीन डायमंड गिफ्ट में दिया है. यह हीरा पृथ्वी से निकाले गए हीरों के रासायनिक और ऑप्टिकल गुणों को दिखाता है. यह पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल भी है. और ऐसा इसलिए क्योंकि इसे बनाने में सौर और पवन ऊर्जा जैसे पर्यावरण संरक्षक संसाधनों का इस्तेमाल किया गया है. इस खास ग्रीन डायमंड को अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग करके सटीकता और देखभाल के साथ तराशा गया है. यह प्रति कैरेट केवल 0.028 ग्राम कार्बन उत्सर्जित करता है. और जेमोलॉजिकल लैब, आईजीआई द्वारा प्रमाणित भी है. यह हरा हीरा एक पैपियर माचे बॉक्स में रखा हुआ है, जिसे कार-ए-कलमदानी के नाम से जाना जाता है।
ग्रीन डायमंड और नॉर्मल डायमंड में अंतर…
ग्रीन डायमंड और नॉर्मल डायमंड में अंतर देखने को मिलता है. ये बाकी डायमंड से काफी अलग है. इसे रेडियोएक्टिव, एटॉमिक रेडिएशन के जरिये बनाया जाता है. ये हीरा रियल डायमंड जैसा ही दिखता है. इस डायमंड को सालों तक रेडियो एक्टिव, एटॉमिक रेडिएशन में रखा जाता है. ग्रीन डायमंड में लाइट ग्रीन, फैंसी ग्रीन, फैंसी डीप जैसे रंग भी शामिल है. ये हीरे बाकी हीरे से महंगा होता है।
सूरत में निर्मित प्रयोगशाला में बनाया गया…
यह हीरा सूरत में निर्मित प्रयोगशाला में विकसित 7.5 कैरेट का रत्न है. और इसे जेमोलॉजिकल लैब, आईजीआई (इंटरनेशनल जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट) द्वारा प्रमाणित किया गया है. 7.5 कैरेट वजन भारत की 75 साल की आजादी और टिकाऊ अंतरराष्ट्रीय संबंधों का प्रतिनिधित्व करता है. जैसा कि प्रधान मंत्री कार्यालय द्वारा रेखांकित किया गया है।
हीरा तैयार करने में दो महीने का समय…
इसे ग्रीन एनर्जी का इस्तेमाल करके बनाया है. यानी सोलर और विंड एनर्जी जो कि दिखाता है. कि भारत अब ग्रीन और रिन्यूएबल एनर्जी की ओर कदम बढ़ा रहा है. अस्मित पटेल ने बताया, ‘कट और फिनिशिंग के साथ इस तरह का हीरा तैयार करने में तकरीबन दो महीने का समय लगता है।
विशेष चंदन का डिब्बा भी भेंट किया…
तो वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाइडेन को एक विशेष चंदन का डिब्बा भी भेंट किया. जिसे जयपुर के एक मास्टर शिल्पकार द्वारा हस्तनिर्मित किया गया है. इसपर मैसूर से प्राप्त चंदन में जटिल रूप से नक्काशीदार वनस्पतियों और जीवों के पैटर्न हैं. बॉक्स में भगवान गणेश की मूर्ति है. मूर्ति को कोलकाता के पांचवीं पीढ़ी के चांदी कारीगरों के एक परिवार द्वारा हस्तनिर्मित किया गया है. बॉक्स में एक दीया (तेल का दीपक) भी है. इस चांदी के दीये को भी कोलकाता में पांचवीं पीढ़ी के चांदी कारीगरों के परिवार के कारीगरों द्वारा हस्तनिर्मित किया गया है।
चांदी का सिक्का भी किया भेंट…
पीएम मोदी द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को उपहार में दिए गए बॉक्स में 99.5 फीसदी शुद्ध और हॉलमार्क वाला चांदी का सिक्का भी है. इसे राजस्थान के कारीगरों द्वारा सौंदर्यपूर्ण ढंग से तैयार किया गया है। इसे रौप्यदान (चांदी का दान) के रूप में पेश किया गया है. लवंदन (नमक का दान) के लिए गुजरात का लवन या नमक भेंट किया गया है।
उपहार में ये भी शामिल…
पीएम मोदी द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को उपहार में दिए गए बॉक्स में दस दान राशि हैं- गौदान (गाय का दान) के लिए गाय के स्थान पर पश्चिम बंगाल के कुशल कारीगरों द्वारा एक नाजुक हस्तनिर्मित चांदी का नारियल दिया गया है. भूदान (भूमि का दान) के लिए भूमि के स्थान पर मैसूर, कर्नाटक से प्राप्त चंदन का एक सुगंधित टुकड़ा दिया गया है. तिलदान (तिल के बीज का दान) के लिए तमिलनाडु से लाए गए तिल या सफेद तिल के बीज चढ़ाए गए हैं।
यीट्स की बुक भी की गिफ्ट…
इसके अलावा साल 1937 में, WB येट्स ने श्री पुरोहित स्वामी के साथ सह-लेखक, भारतीय उपनिषदों का एक अंग्रेजी अनुवाद प्रकाशित किया. दोनों लेखकों के बीच अनुवाद और सहयोग पूरे 1930 के दशक में हुआ और यह येट्स के अंतिम कार्यों में से एक था. लंदन के मेसर्स फेबर एंड फेबर लिमिटेड द्वारा प्रकाशित और यूनिवर्सिटी प्रेस ग्लासगो में मुद्रित इस पुस्तक के पहले संस्करण की एक प्रति, ‘द टेन प्रिंसिपल उपनिषद’, पीएम मोदी द्वारा राष्ट्रपति बाइडेन को उपहार में दी गई है।
उपहार में चार खास डिब्बे…
पीएम मोदी ने एक और उपहार दिया है. उन्होंने बेहद ही चार अलग डिब्बे दिए हैं. ये कोई मामूली डिब्बे नहीं हैं. बल्कि इन डिब्बों में वो खास चीज है, जो भारत के लोगों के लिए बेहद खास मानी जाती है. चार खास डिब्बों में से पहले में पंजाब का घी या मक्खन है. जो सभी को पता है कि कितना खास माना जाता है. वहीं, दूसरे में झारखंड से प्राप्त हाथ से बुना हुआ बनावट वाला टसर रेशम का कपड़ा. तीसरे में उत्तराखंड से प्राप्त लंबे दाने वाला चावल. इसके अलावा, चौथे बॉक्स में गुड़ है, जो महाराष्ट्र से मंगाया गया है।
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