पीएम मोदी के चहेते चीता ‘पवन’ की हुई संदिग्ध मौत..जानें कब और कहां?
मध्य प्रदेश के कूनो नैशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए पवन चीते की मौत हो गई है. आठ चीतों को पिछले साल सितंबर में विशेष जहाज से भारत लाया गया था. इन आठ चीतों में से पवन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन के अवसर पर कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा था. फिलहाल पवन चीते की मौत किन वजहों के चलते हुई है, इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. सबसे दुखद यह रहा कि पवन चीते की डेड बॉडी एक नाले में पड़ी मिली थी. कूनो के डॉक्टरों ने डूबने से चीते की मौत की आशंका जताई है. इस खबर की सूचना वन्यजीव कार्यकर्ता अजय दुबे ने सोशल मीडिया के द्वारा साझा की है. खबर को साझा करते हुए दावा किया गया है कि चीता पवन नाले में मृत पाया गया था.
अब बचे हैं 24 चीतें
पवन नामक चीता की मौत के बाद केएनपी में 24 चीतें बचे हैं. इनमें 12 वयस्क और इतने ही शावक शामिल हैं. जानकारी के अनुसार नामीबियाई चीता पवन की कुनो नेशनल पार्क के जंगल में मौत हो ने से पहले 5 अगस्त को केएनपी में अफ्रीकी चीता गामिनी के पांच महीने के शावक की मौत हो गई थी.
सुबह के समय हुई मौत
मध्य प्रदेश के अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षण (एपीसीसीएफ) और लायन प्रोजेक्ट के निदेशक उत्तम शर्मा के कार्यालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, मंगलवार को सुबह करीब 10.30 बजे चीता पवन झाड़ियों के बीच एक उफनते नाले के किनारे मृत पड़ा मिला.
चिकित्सकों के निरीक्षण में कई चीजें साफ
पवन का शव मिलने की जानकारी पशु चिकित्सकों दी गई जिन्होंने घटनास्थल का दौरा किया. चिकित्सकों के निरीक्षण करने पर पता चला कि चीते की डेड बॉडी का सिर समेत अगला आधा हिस्सा पानी में डूबा था.
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उसके शरीर पर कहीं भी कोई बाहरी चोट के निशान नहीं पाए गए हैं. इससे यह उम्मीद जताई जा रही है कि चीते की मौत डूबने से हुई होगी. वन विभाग ने कहा है कि चीते की मौत के बारे में विस्तृत जानकारी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिलने के बाद दी जाएगी.
पवन चीता था बेहतरीन शिकारी
भारत आने से पहले पवन का नाम ओबन था. वह नामीबिया के एरिंडी प्राइवेट गेम रिजर्व में चीता कंजर्वेशन फंड (CCF) द्वारा पुनर्वासित चीता का जंगली पोता था. जंगल में पैदा हुए दूसरी पीढ़ी के चीते के रूप में, पवन एक बेहतरीन शिकारी था. वहीं पवन जंगल में स्वतंत्र रूप से घूमने वाला एकमात्र चीता था, जबकि बाकी सभी बाड़ों में ही रहते थे.
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बता दें कि चीता पवन ने दो शावकों को जन्म दिया था. 3 जनवरी 2024 को चीता आशा से तीन शावक पैदा हुए और 22 जनवरी 2024 को चीता ज्वाला से चार शावक पैदा हुए हैं. ये सभी शावक जीवित हैं.
वहीं पवन आठवां वयस्क चीता है जिसकी मौत हुई है. सितंबर 2022 और फरवरी 2023 के बीच दो अलग-अलग चरणों में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से 20 चीते लाए गए थे. उनमें से पवन सबसे तेज दौड़ता था और वह एक तेज प्रजाति का चीता था.