इजराइली सेना की इस यूनिट के खिलाफ यूएस प्रतिबंध की अटकलों पर भड़के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू

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ईरान और उसकी प्रॉक्सी के साथ तनाव के बीच इजराइल को अमेरिका से झटका मिल सकता है. मीडिया खबरों के अनुसार यूएस द्वारा इजरायली सेना की बेहद कट्टर सैनिकों की यूनिट नेत्जाह येहुदा के खिलाफ प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं. वहीं इन अटकलों के बाद से ही इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इसका कड़ा विरोध करते हुए ऐसी कार्रवाई को बेतुकेपन की पराकाष्ठा और नैतिक निम्नता करार दिया है.

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इजराइली यूनिट पर प्रतिबंध होगी रेड लाइन

पीएम नेतन्याहू ने कहा है कि अगर ऐसी कार्रवाई उनके सैन्य यूनिट पर होती है तो यह रेड लाइन मानी जाएगी. उन्होंने अमेरिका से सीधे तौर पर कहा है कि इजरायल रक्षा बलों (IDF) के किसी भी यूनिट पर प्रतिबंध नहीं लगाया जाना चाहिए. उन्होंने दलील रखी की इजराइली सैनिक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं उनपर प्रतिबंध लगाने का इरादा बेतुकेपन की पराकाष्ठा है.

क्या-क्या हैं विकल्प

अमेरिका के इस फैसले के बाद अगर इजराइल के पास विकल्प की बात करें तो उसके पास गिने-चुने विकल्प हैं. अमेरिका इजराइल के लिये बेहद ही उपयोगी देश है. मिडिल ईस्ट में दुश्मन देशों से घिरे इस यहूदी राष्ट्र को अमेरिका से हर हाल में रिश्ते अच्छे रखने की जरूरत है. इजराइल अमेरिका के खिलाफ कोई बड़ी कार्रवाई नहीं कर सकता है. हालांकि पीएम नेतन्याहू राष्ट्रपति बाइडेन प्रशासन के खिलाफ कोई फैसला ले सकते हैं. इस वर्ष होने वाले अमेरिकी चुनाव से पहले इजराइली पीएम के अमेरिका दौरे को रद्द किया जा सकता है.

प्रतिबंध लगाने के पीछे का कारण

गाजा में ऑपरेशन के दौरान इज़राइल रक्षा बलों (आईडीएफ) पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगे हैं. विशेष तौर पर उसकी ईकाई नेत्ज़ाह येहुदा बटालियन के खिलाफ कथित मानवाधिकार उल्लंघन के गंभीर आरोप लगे हैं. वहीं अमेरिका की एक बड़ी आबादी इजराइल की फिलिस्तीनियों पर कड़ी कार्रवाई को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही है. वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की डेमोक्रेट पार्टी को लिबरल माना जाता है. इसी वर्ष के अंत में अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर राष्ट्रपति बाइडेन अपनी पार्टी के लिबरल वोटर को खुश करने के लिये ऐसा निर्णय ले सकते हैं. बता दें कि अमेरिका की लिबरल मीडिया और लोगों के बीच इजराइल द्वारा गाजा में हो रही कार्रवाई को लेकर नाराजगी थी. वहीं राष्ट्रपति बाइडेन भी इजराइल को रोकने में असफल नजर आए हैं.

विवादों में रही है नेतजाह येहुदा बटालियन

नेत्जाह येहुदा इजराइल की वह सैन्य टुकड़ी है जिसपर हमेशा से आरोप लगता है कि वह दक्षिणपंथी उग्रवाद और फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ हिंसा करता है. पिछले कई दिनों से वह विवादों में घिरा है. वहीं जब 78 साल के फ़िलिस्तीनी-अमेरिकी नागरिक उमर असद की मौत हो गई तो इसका आरोप नेत्जाह येहुदा पर लगा. द टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के अनुसार, बटालियन के सैनिकों द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद ही असद की मौत हो गई थी. असद के हाथों में हथकड़ी डालकर और आंखों पर पट्टी बांधकर कड़ाके की ठंड में बाहर छोड़ दिया गया था, जिससे उनकी मौत हो गई.

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