वाराणसी: जब से एयर इंडिया वापस से टाटा समूह के पास वापिस आया है तब से टाटा मेनेजमेंट व एम्प्लॉई के बीच तालमेल कुछ खास बानी नहीं है. दोनों के तरफ से कुछ ना कुछ विवाद देखने को मिल रहा है. अब इसमें एक नया विवाद जुड़ गया है. दरअसल, 1500 एयर इंडिया के पायलटों ने वेतन के संबंध में सीधा रतन टाटा को चिट्ठी लिख नाराजगी जताई, ‘हस्ताक्षर वाली एक याचिका में आरोप लगाया गया कि “मौजूदा मानव संसाधन विभाग (एचआर डिपार्टमेंट) पायलटों की चिंताओं को नहीं सुन रहा है.” आइए आखिर जानते इसबार के विवाद का कारण है क्या?
वेतन को लेकर नाखुश पायलट्स…
टाटा ग्रुप की एयरलाइन कंपनी एअर इंडिया के पायलट्स सैलरी स्ट्रक्चचर से खुश नहीं नजर आ रहे हैं और बदलाव की डिमांड कर रहे हैं. वास्तव में मैनेज्मेंट की ओर से सैलरी स्ट्रक्चर में जिस तरह के बदलाव किए हैं वो पायलट्स को ठीक नहीं लग रहे हैं. मैनेज्मेंट भी इसको लेकर कोई सुनवाई नहीं कर रहा है, जिसकी वजह से पायलट्स ने इसका सॉल्यूशन निकालने के लिए रतन टाटा से रिक्वेस्ट की है. कर्मचारियों को भरोसा है कि रतन टाटा इस मामले में हस्तक्षेप कर जरूर कोई सॉल्यूशन निकालेंगे.
चिट्ठी में क्या लिखा?
एयर इंडिया के पायलटों ने लिखा है, “हम अपने काम और टाटा समूह में अपनी जगह को लेकर गर्व महसूस करते हैं. हालांकि, अभी हमें एचआर विभाग के ओर से कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हम समझ सकते हैं कि एयर इंडिया के सामने अभी चुनौतियां कुछ जटिल हैं और हम उनका हल ढूंढने को लेकर कंपनी के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जिससे सभी हितधारकों का लाभ हो. लेकिन हमें लगता है कि हमारी चिंताओं को एचआर विभाग ठीक से नहीं समझ रहा है.”
कर्मचारियों ने ख़ारिज किया कंपनी का स्ट्रक्चर…
एअर इंडिया की ओर से पायलट्स और क्रू मेंबर्स के लिए रिवाइज्ड कंपंनसेशन स्ट्रक्चर सामने रखा था. यह स्ट्रक्चर 17 अप्रैल को सामने आया था. जिसके बाद पायलट्स के दोनों संगठनों आईसीपीए और आईपीजी ने इस यह कहकर खारिज कर दिया कि एयरलाइन कंपनी ने लेबर प्रोसेस का वायलेशन किया है और नए कांट्रैक्ट से पहले उनके साथ बातचीत नहीं की गई है. दोनों संघों पायलट्स और क्रू मेंबर्स को कांट्रैक्ट और सैलरी स्ट्रक्चर पर साइन करने से मना किया है. साल 2022 में एअर इंडिया की दोबारा से टाटा ग्रुप में वापसी हुई थी.
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