भगवान भास्कर के तेज से लोग हुए परेशान, 27 को बारिश की संभावना

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वाराणसीः काशी के लोग गर्मी और उमड़ से काफी परेशान दिख रहे हैं. वही बीती रात हल्की बारिश से लोगों ने कुछ राहत महसूस की परंतु सुबह होते भगवान भास्कर की तीखी धूप ने लोगों के पसीने छुड़ा दिए. लोग अब छांव का सहारा लेते दिख रहे हैं. दूसरी ओर अच्छी बरसात नहीं होने के कारण किसान भी अब चिंतित नजर आ रहे हैं.

बरसात की बनी हुई है संभावनाः मौसम वैज्ञानिक

काशी हिंदू विश्वविद्यालय भूगोल की विभाग के प्रसिद्ध मौसम वैज्ञानिक प्रोफेसर ज्ञान प्रकाश सिंह ने बारिश को लेकर बताया कि बीती रात जो बरसात हुई है वह लोकल मानसून था जिसके कारण हल्की बरसात हुई है. अभी यहां टेंपरेचर बना हुआ है जिसके कारण बरसात होने की संभावना भी बनी हुई है परंतु भारी बरसात देखने को नहीं मिलेगी. यह बरसात 27-28 जुलाई तक देखने को मिलेगी.

इस बार की बरसात थोड़ी अलग

उन्होंने जानकारी दी कि 2002 में इसी प्रकार की बारिश हुई थी. जून के महीने में काफी बरसात हुई थी परंतु जुलाई के महीने में पूरे नॉर्थ इंडिया में खाली था. इस बार की बरसात थोड़ी अलग है. उन्होंने कहा कि ईस्ट यूपी के कुछ जिले जहां बरसात काफी कम हुआ है और होने की संभावना भी कम है क्योंकि जुलाई खत्म होने वाला है और अगस्त के महीने में मानसून ब्रेक होता है. उन्होंने कहा कि आखरी जो बरसात होगी वह अगस्त के और में या सितंबर में हो सकती है. उन्होंने कहा कि आकाश में बादलों का डिस्ट्रीब्यूशन जो होता है तो पाएंगे ह्यूमिडिटी होती है लेकिन वह बराबर नहीं होती है. यह लोकेलिटी क्लाउड होता है यह लो लेवल के कारण बनता है, जिसके कारण किसी क्षेत्र में बारिश होती है तो किसी क्षेत्र में बारिश नहीं होती है.

 

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धान की फसलों को होगा काफी नुकसान

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मौसम बैज्ञानिक ने आगे बताया कि धान की जो फसल है उसके लिए जिस एरिया में बरसात नहीं हो रही है जैसे बनारस, मिर्जापुर, चंदौली ,प्रयागराज में बारिश के बहुत कम होने की संभावना है. इससे धान की फसलों को काफी नुकसान होने की आशंका है. बताया कि ट्यूबवेल से जो पानी भरा जाता है और जो बारिश का पानी होता है वह फसलों के लिए अलग-अलग प्रकार से काम करता है. ट्यूबवेल के पानी से फसलों को काफी फायदा नहीं पहुंचता है जबकि बरसात के पानी से फसलों को काफी फायदा पहुंचता है.

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