इस सुपरस्टार को राष्ट्रगान के लिए सिनेमा हॉल में खड़ा होना पसंद नहीं
तेलगु सिनेमा के सुपरस्टार और जन सेना के मुखिया पवन कल्याण ने अपने एक बयान से उच्चतम न्यायालय के निर्देशों पर सवाल खड़ा कर दिया हैं। बता दें कि पवन कल्याण ने आंध्र प्रदेश के कुरनूल में युवाओं से बात करते हुए कहा, ‘मुझे राष्ट्रगान के लिए थिएटर में खड़ा होना पसंद नहीं है। परिवार और दोस्तों के साथ फिल्म देखने के लिए निकाला गया समय अब देशभक्ति के प्रदर्शन का परीक्षण बन गया है।’
अभिनय से राजनीति में आये पवन कल्याण ने युवाओं से कही ये बात:
अभिनय से राजनीति में आये पवन कल्याण ने इससे पहले साल 2016 में इस मुद्दे को उठाया था जब अदालत ने सिनेमा हॉल में फिल्म से पहले राष्ट्रगान बजाने को अनिवार्य कर दिया था। वहीं एक बार फिर कोर्ट के निर्देशों के खिलाफ अपना विचार रखते हुए उन्होंने कहा कि सिनेमा हॉल में राष्ट्रगान बजाना क्या वहां अपनी देशभक्ति दिखाने के लिए है? आप वहां जाकर फूल फेंकते हैं और अगर आप उस समय राष्ट्रगान सुनते हैं तो आपकी भावना कैसी होगी। राजनीतिक दल अपनी बैठकों से पहले शुरुआत में राष्ट्रगान क्यों नहीं बजाते हैं और देश के उच्चतम न्यायालय में भी इसे बजाना चाहिए।’
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‘सिनेमा हॉल मेरी देशभक्ति की परीक्षा नहीं’- पवन कल्याण
इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि ‘सिनेमा हॉल मेरी देशभक्ति की परीक्षा नहीं हैं। सीमा पर युद्ध चल रहा है। यह मेरी देशभक्ति का परीक्षण है। हमारे समाज में रूढ़िवाद व्याप्त है, यह मेरी देशभक्ति का परीक्षण है। मैं रिश्वतखोरी को रोक सकता हूं या नहीं यह मेरी देशभक्ति की परीक्षा है। देश के बड़े कार्यालयों में राष्ट्रगान बजाना चाहिए। 2016 में एक वकील ने पवन के खिलाफ राष्ट्रगान का अपमान करने की वजह से शिकायत दर्ज कराई थी।
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