#मीटू : पंखुड़ी ने कहा धर्म के रक्षकों को अब नहीं दिख रहा लव जिहाद?
सपा की पूर्व प्रदेश प्रवक्ता पंखुड़ी पाठक ने #MeToo अभियान की चपेट में आए भाजपा के केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर बड़ा हमला बोला है। पंखुड़ी पाठक ने ट्वीट करके भाजपा पर हमला बोला है।
तुषिता पटेल भाजपा नेता एम जे अकबर द्वारा यौन शोषण की घटना सार्वजनिक करने वाली 16वी महिला बनी ।
अब कहाँ मर गया ‘हिंदुत्व’ ?
इन ‘हिंदू’ महिलाओं को न्याय दिलाने वाले ‘धर्म के रक्षक’ कहाँ बिल में घुसे बैठे हैं ?
अब नहीं दिख रहा कोई ‘लव जिहाद’ ??#MJAkbar #MeToo— Pankhuri Pathak पंखुड़ी पाठक پنکھڑی (@pankhuripathak) October 16, 2018
पंखुड़ी ने लिखा है कि तुषिता पटेल भाजपा के नेता एमजे अकबर की यौन शोषण की घटना सार्वजनिक करने वाली 16वीं महिला बनी हैं। अब कहां मर गया हिदुत्व इन हिंदू महिलाओं को न्याय दिलाने वाले धर्म के रक्षक कहां बिल में घुसे बैठे हैं। अब नहीं दिख रहा कोई लव जिहाद?
जिन्होंने बलात्कार और हत्या करने वाले कुलदीप सेंगर को पार्टी से बाहर नहीं किया उनसे आप यौन शोषण के आरोपी एम जे अकबर पर कारवाई करने की उम्मीद कर रहे हैं?
लगता है बड़े भोले हैं ! #महिला_विरोधी_भाजपा
— Pankhuri Pathak पंखुड़ी पाठक پنکھڑی (@pankhuripathak) October 16, 2018
इतना ही नहीं उन्होंने उन्नाव गैंगरेप मामले के आरोपी भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर मामले को उठाते हुए कहा है कि जिन्होंने बलात्कार और हत्या करने वाले कुलदीप सेंगर को पार्टी से बाहर नहीं किया उनसे आप यौन शोषण के आरोपी एम जे अकबर पर कारवाई करने की उम्मीद कर रहे हैं?
अगर महिलाओं के खुल कर बोलने से थोड़ी भी सम्भावना है समाज में सुधार होने की तो उन्हें बोलने दीजिए ।
कुछ समय के लिए अपनी राजनीतिक कुंठा कहीं और निकाल लीजिए ।
महिलाओं के इस आंदोलन से दूर रहें ।
इसका समय आ चुका है ।— Pankhuri Pathak पंखुड़ी पाठक پنکھڑی (@pankhuripathak) October 15, 2018
पंखुड़ी पाठक ने #metoo का समर्थन करते हुए कहा कि अगर कोई महिला हिम्मत करके दस बीस साल बाद अपने साथ हुए शोषण की बात बता रही है, तो हम कम से कम उस पर राजनीति करने से तो बच सकते हैं? इन मामलों को राजनैतिक चश्मे से देखना जरूरी नहीं है।
आज भी एक महिला के लिए ऐसी बात समाज के सामने रखना आसान नहीं है। अगर महिलाओं के खुल कर बोलने से थोड़ी भी सम्भावना है समाज में सुधार होने की तो उन्हें बोलने दीजिए। कुछ समय के लिए अपनी राजनीतिक कुंठा कहीं और निकाल लीजिए।
महिलाओं के इस आंदोलन से दूर रहें। इसका समय आ चुका है। इसका समर्थन नहीं कर सकते तो कम से कम अपनी कुंठित टिप्पणियाँ उससे दूर रखें। यौन शोषण इस देश की सच्चाई है, किसी एक दो महिला पर सवाल उठाने से वह बंद नहीं हो जाएगी। कल आपकी बहन बेटियाँ भी संघर्ष करने के लिए अपनी आजीविका के लिए बाहर निकलेंगी.. क्या उनके लिए आप ऐसी ही परिस्थितियाँ चुनेंगे?
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