ना’पाक’ ने किया 720 बार सीजफायर का उल्लंघन

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पाकिस्तान की तरफ से लगातार सीजफायर का उल्लंघन किया जाता रहा है। पाकिस्तान के इस आक्रामक रवैये पर भारत कई बार चेतावनी भी दे चुका है लेकिन पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आता है। ऐसे में भारत के साथ पाकिस्तान के रिश्तों में हमेशा से खटास बढ़ती जा रही है। पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे सीजफायर के उल्लंघन का भारत लगातार मुंहतोड़ जवाब भी दे रहा है। ऐसे में आपको बता दें पिछले सात सालों के मुकाबले में पिछले साल पाकिस्तान ने इंटरनैशनल बॉर्डर और लाइन ऑफ कंट्रोल पर 720 बार सघर्ष विराम का उल्लंघन किया है। बीते 7 सालों में संघर्ष विराम के उल्लंघन का यह आंकड़ा सबसे ज्यादा है।

एक साल में 720 बार पाक ने किया संघर्ष विराम का उल्लंघन

पिछले एक साल में पाकिस्तान की तरफ से किए गए सीजफायर उल्लंघन का भारतीय सैनिकों ने मुंहतोड़ जवाब भी दिया है और एक कड़ा संदेश पहुंचाया है कि दुश्मनों के किसी भी हमले का माकूल जवाब देने के लिए भारतीय सेना हरदम तैयार है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने इंटरनैशनल बॉर्डर और एलओसी पर इस साल अक्टूबर तक 724 बार सीजफायर का उल्लंघन किया है। वहीं, 2016 में पाक सुरक्षा बलों की ओर से 449 बार सीजफायर तोड़ने की घटनाएं हुई थीं।

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फायरिंग में 12 नागरिक और 17 सुरक्षाकर्मी शहीद

मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर तक पाकिस्तान की ओर से की गई फायरिंग में 12 नागरिकों और 17 सुरक्षाकर्मियों शहीद हुए हैं। यही नहीं पाकिस्तान की फायरिंग में 79 नागरिक और 67 सैनिक घायल हुए हैं। पाकिस्तान और भारत के बीच नवंबर, 2003 से ही अंतरराष्ट्रीय सीमा और एलओसी पर संघर्षविराम लागू है। लेकिन, अकसर पाकिस्तान इस समझौते का उल्लंघन करता रहता है। पाकिस्तान के साथ भारत की 3,323 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है। इसमें जम्मू-कश्मीर में 221 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा है, जबकि 740 किमी लंबी सीमा एलओसी की है।

2016 में 449 बार तोड़ा गया सीजफायर

पाकिस्तानी सेना की ओर से 2016 में सीजफायर तोड़ने की 449 घटनाएं हुई थीं, इनमें 13 और इतने ही सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई थी। इसके अलाव 83 नागरिक और 99 सैनिक घायल हो गए थे। वहीं, 2014 में पाकिस्तान की ओर से सीजफायर उल्लंघन की 583 घटनाएं सामने आई थीं। इनमें 14 नागरिकों और 3 सैनिकों की मौत हो गई थी।

साभार- नवभारत टाइम्स

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