‘370’ को लेकर भारत के फैसले का सबसे ज्यादा असर ‘पाक’ पर
कश्मीर में धारा 370 को लेकर सरकार के फैसले के बाद इसका सबसे ज्यादा असर पाकिस्तान पर पड़ा है, यही वजह है कि पाकिस्तान तरह-तरह के पैंतरे अपना कर अपनी बौखलाहट दिखा रहा है। दरअसल, पाकितान ने भारत से व्यापारिक संबंध तोड़ने और भारत के उच्चायुक्त को वापस भेजने का फैसला किया है। साथ ही पाकिस्तान ने आंशिक तौर पर भारत की सीमा से लगे अपने एयरस्पेस को भी बंद कर दिया है।
पाकिस्तान के भारत के खिलाफ फैसले:
कश्मीर में लगी धारा 370 में बदलाव होते ही पाकिस्तान ने अपने यहाँ राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की एक अहम बैठक बुलाई। बैठक में शीर्ष सैन्य और असैन्य नेतृत्व भी शरीक हुआ जिसमें भारत पर दबाव बनाने के लिए पाकिस्तान ने उसके खिलाफ कुछ फैसले किये।
भारत के साथ व्यापारिक संबंध तोड़ा:
पाकिस्तान ने बुधवार को भारत के साथ राजनयिक संबंधों को कम किया था और कारोबारी रिश्ते खत्म कर दिए थे। वहीं भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को कम करने का फैसला भी लिया।
भारत के उच्चायुक्त अजय बिसारिया को वापस भेजने का फैसला किया:
कश्मीर फैसले के बाद पाकिस्तान ने एनएससी की बैठक में फैसला किया कि पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब भारत में नहीं रहेंगे और वहां से समकक्षों को भी वापस भेजा जाएगा।” भारत के उच्चायुक्त बिसारिया इस्लामाबाद में हैं, जबकि पाकिस्तानी समकक्ष मोइन-उल-हक को नई दिल्ली में अभी कार्यभार संभालना था।
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कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में उठाने की बात कही:
इतना ही नहीं पाकिस्तान ने ये फैसला भी किया कि वह पाकिस्तान का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र तक ले जाएगा और इस बाबत अपनी आवाज उठाएगा।
भारत की सीमा से लगे एयरस्पेस को बंद किया:
कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने से बौखलाए पाकिस्तान ने भारत के विमानों का रास्ता भी रोक दिया है। पाकिस्तान ने गुरुवार रात को अपने एयर स्पेस के एक कॉरिडोर को बंद कर दिया, जिससे विदेशी उड़ानों को अब 12 मिनट का ज्यादा समय लगेगा।
पाकिस्तान ने एयरलाइन्स के हवाई मार्ग में भी बदलाव किए
इसके अलावा सीसीए ने पाकिस्तान की एयरलाइन्स के हवाई मार्गों में भी बदलाव किए हैं। इनमें खासतौर पर लाहौर क्षेत्र के एयरलाइन्स शामिल हैं। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, विमानों के उड़ान की न्यूनतम ऊंचाई को भी बढ़ाया गया है।
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लाहौर रीजन में विदेशी विमानों को 46 हजार फीट से नीचे उड़ने की अनुमति नहीं होगी, जबकि अफगानिस्तान से उड़ान भरने वाले जहाजों को वैकल्पिक मार्गों के इस्तेमाल करने का निर्देश दिया गया है।